दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

म्यांमार में हिंसा से बचने के लिए भाग रहे रोहिंग्या पर जानलेवा हमले, लगभग 150 लोगों की मौत - Rohingya Trying To Flee

Attack On Rohingya: अराकान सेना ने म्यांमार के मुस्लिम रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुदाय के कम से कम 150 नागरिकों की हत्या कर दी है. मारे गए बांग्लादेश में जाने की कोशिश कर रहे थे.

बांग्लादेश जा रहे रोहिंग्या
बांग्लादेश जा रहे रोहिंग्या (AP)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 11, 2024, 2:04 PM IST

नेपीडॉ: म्यांमार के मुस्लिम रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुदाय के कम से कम 150 नागरिक इस सप्ताह पश्चिमी राज्य रखाइन में तोपखाने और ड्रोन हमले में मारे गए हैं. जीवित बचे लोगों को संदेह है कि यह हमला सैन्य शासन के प्रतिरोध में शामिल एक प्रमुख ताकत द्वारा किया गया था.

हालांकि, राज्य के राखीन जातीय समूह की सैन्य शाखा अराकान आर्मी ने सोमवार को रोहिंग्या पर हमले की जिम्मेदारी से इनकार कर दिया. मारे गए लोग माउंगडॉ शहर में भीषण लड़ाई से बचने के लिए नाफ नदी पार करके बांग्लादेश में जाने की कोशिश कर रहे थे.

अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा सहायता समूह डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह पिछले सप्ताह हिंसा में घायल रोहिंग्या लोगों की बढ़ती संख्या का इलाज कर रहा है, जो सीमा पार करके बांग्लादेश में घुसने में कामयाब रहे. बयान में कहा गया है कि कुछ रोगियों ने बांग्लादेश में नदी पार करने और हिंसा से बचने के लिए भागने वालों पर कुछ लोगों को बमबारी करते हुए देखा. अन्य लोगों ने नदी के किनारों पर सैकड़ों शवों को देखने की बात की है.

म्यांमार में हिंसा से बचने के लिए भाग रहे रोहिंग्या पर जानलेवा हमले (AP)

अराकान सेना को दोषी ठहराया
एसोसिएटेड प्रेस द्वारा संपर्क किए गए दो स्व-घोषित बचे लोगों ने इसके लिए अराकान सेना को दोषी ठहराया. इस बीच सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीभत्स वीडियो में नदी के किनारे सड़क पर दर्जनों वयस्कों और बच्चों के शव बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं. क्षेत्र में यात्रा पर कड़े प्रतिबंधों और चल रही लड़ाई के कारण न तो वीडियो और न ही हमले के विवरण की आसानी से पुष्टि की जा सकती है.

संगठित हिंसा के फिर से शुरू होने की आशंका
बता दें कि लोकतंत्र समर्थक गुरिल्ला और जातीय अल्पसंख्यक सशस्त्र बल 2021 में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार से सत्ता हथियाने के बाद से वे देश के सैन्य शासकों को हटाने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, रखाइन में लड़ाई ने रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के सदस्यों के खिलाफ संगठित हिंसा के फिर से शुरू होने की आशंका जताई है.

बांग्लादेश जा रहे रोहिंग्या (AP)

2017 से बांग्लदेश में लाखों लोगों ने ली थी शरण
2017 में एक सैन्य विद्रोह विरोधी अभियान ने उनके समुदाय के कम से कम 7,40,000 सदस्यों को सुरक्षा के लिए बांग्लादेश भेज दिया था. लगभग सभी लोग अभी भी भीड़भाड़ वाले शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं, जो निरंतर अस्थिरता के कारण घर लौटने में असमर्थ हैं.

गौरतलब है कि अनेक रोहिंग्या लोग कई पीढ़ियों से म्यांमार में रह रहे हैं, लेकिन उन्हें व्यापक पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है और बौद्ध बहुल देश में उन्हें आमतौर पर नागरिकता और अन्य बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा जाता है.

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश विरोध हिंसा: चीफ जस्टिस औबेदुल हसन ने दिया इस्तीफा, सैयद रेफत अहमद नए चीफ जस्टिस नियुक्त

ABOUT THE AUTHOR

...view details