बांग्लादेश में सरकार विरोधी आंदोलन, हिंसा नियंत्रण के लिए कर्फ्यू, इंटरनेट सेवाएं बंद - Bangladesh curfew
Bangladesh imposes curfew disables internet services: बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान हिंसा को देखते सरकार ने सख्त कदम उठाया है. देश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. साथ ही इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई है.
ढाका:बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बढ़ने के कारण देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है. वहीं, प्राधिकारियों ने गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाने की आवश्यकता का हवाला देते हुए देश भर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.
बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन (AP)
कर्फ्यू के बाद अधिकारियों ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों को भी अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है. नौकरियों में आरक्षण खिलाफ बांग्लादेश में चल रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच, सीमा सुरक्षा बलों (बीएसएफ) ने जलपाईगुड़ी के फुलबारी में भारतीय आव्रजन चेक पोस्ट पर सुरक्षा जांच की.
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस और विभिन्न छात्र समूहों के बीच झड़पों में कई लोगों की मौत के बाद बांग्लादेश ने शुक्रवार शाम को देशव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की. यह विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब छात्रों ने देश के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए सरकारी नौकरियों में कुछ हिस्सा आरक्षित करने की नई नीति के खिलाफ हिंसक प्रतिक्रिया दी. इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को ढाका में राज्य टेलीविजन मुख्यालय पर हमला किया और पुलिस बूथों में आग लगा दी, क्योंकि उन्होंने देश को 'पूर्ण रूप से बंद' करने का आह्वान किया था.
बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन (AP)
बांग्लादेशी मीडिया के हवाले से वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि रबर बुलेट और आंसू गैस का इस्तेमाल करने वाले सुरक्षा बलों के बीच चल रही सड़क पर लड़ाई ने बांग्लादेश के कई इलाकों में जनजीवन को ठप्प कर दिया है. इस बीच, कई प्रमुख बांग्लादेशी अखबारों की वेबसाइटें गुरुवार से या तो अपडेट नहीं की गई हैं या फिर उन तक पहुंच पाना संभव नहीं है. इसके अलावा, टेलीविजन चैनलों का प्रसारण भी बंद कर दिया गया है.
सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग भारत आने के इच्छुक छात्रों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए बांग्लादेश में स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है. भारतीय मिशन, बीएसएफ और आव्रजन ब्यूरो के साथ समन्वय में बांग्लादेश से भारत वापस आने वाले भारतीय छात्रों की सुविधा प्रदान कर रहा है. कुल 245 भारतीय नागरिक, जिनमें 13 नेपाली छात्र शामिल हैं शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में गेडे सीमा पार से पहुंचे. विरोध प्रदर्शन देश की सिविल सेवा नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग से प्रेरित हैं, जो विशिष्ट समूहों के लिए पद आरक्षित करता है. इसमें पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालों के वंशज भी शामिल हैं.