हैदराबाद: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को पुष्टि की कि कतर में इजराइल और हमास टीमों के बीच गाजा में बंधकों की रिहाई और युद्ध विराम लागू करने के लिए एक समझौता हो गया है. टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि इजराइली प्रधानमंत्री ने डील पर मतदान करने के लिए शुक्रवार को सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई थी.
इस समझौते को 15 महीने से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. बता दें कि इस संघर्ष की शुरुआत उस समय हुई थी, जब 7 अक्टूबर 2023 को दुनिया ने हमास के बंदूकधारियों ने गाजा से दक्षिणी इजराइल में धावा बोला और जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान उन्होंने 1,200 लोगों की हत्या कर दी और 240 लोगों को बंधक बना लिया.
इजराइल ने गाजा पर हमला किया
इसके बाद इजराइली सेना ने गाजा पर एक भयानक हमला किया, जिसमें अक्टूबर 2023 से अब तक 41,689 लोग मारे गए हैं और 96,625 लोग घायल हुए हैं. (2 अक्टूबर 2024 तक) लगभग 1.9 मिलियन लोग विस्थापित हुए.
दीर अल-बलाह की एक सड़क पर विस्थापित बच्चे कचरा चुनते हुए (AP) गाजा में विनाश और मानवीय तबाही
गाजा के अधिकांश क्षेत्र इजराइल की लगातार बमबारी और जमीनी हमलों से मलबे में तब्दील हो गए हैं. जुलाई 2024 की शुरुआत में द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में अनुमान लगाया गया था कि गाजा में मौतों की वास्तविक संख्या 186,000 से अधिक हो सकती हैं.
हमले की वजह से बुनियादी ढांचे या तो पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिसमें लगभग 68 प्रतिशत फसल भूमि और सड़कें शामिल हैं. 36 में से केवल 17 अस्पताल आंशिक रूप से काम कर रहे हैं और सभी ईंधन,मेडिकल सप्लाई और स्वच्छ पानी की कमी से जूझ रहे हैं. बच्चों के लिए, आघात उतना ही गहरा है. 25,000 से अधिक बच्चों ने या तो माता-पिता को खो दिया है या अनाथ हो गए हैं, जिससे वे गहरे भावनात्मक संकट में हैं. अधिकांश बच्चे चिंता और गंभीर शारीरिक चोटों से जूझ रहे हैं, जिनमें से कई ने अंग खो दिए हैं
ईरानी धरती पर हमास प्रमुख की हत्या
हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी तेहरान में 31 जुलाई 2024 को उस समय हत्या कर दी गई, जब उस इमारत पर हमला हुआ जिसमें वे रह रहे थे. हमास और ईरान ने इस हत्या के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया. इसके बाद 17 अक्टूबर को इजरायली सेना ने गाजा में हमास नेता याह्या सिनवार की हत्या कर दी. हमास ने ताल अस-सुल्तान, राफा में लड़ाई के दौरान उनकी मौत की पुष्टि की.
गाजा-इजरायल युद्ध का विनाश
पिछले 15 महीनों में गाजा में कम से कम 46,707 व्यक्तियों ने अपनी जान गंवाई है, जिनमें लगभग 18,000 बच्चे शामिल हैं. गाजा में कम से कम 110,265 व्यक्ति घायल हुए. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि घायलों में से लगभग 25 प्रतिशत, अनुमानित 22,500 व्यक्ति लाइफ चेंजिंग चोटों से पीड़ित हैं, जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है.
इजराइल के हमले में गाजा में तबाह हुई इमारतें (IANS) फिलिस्तीनी डेटा का उपयोग करके प्रकाशित रॉयटर्स की गणना के अनुसार, लगभग 55 प्रतिशत पुष्टि की गई मृतकों में महिलाएं, बच्चे या बुजुर्ग होने का अनुमान है. फिलीस्तीनी शरणार्थियों की देखरेख करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNRWA की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिदिन 10 बच्चों का ऑपरेशन हो रहा है.
गाजा में लगभग 1.9 मिलियन फिलीस्तीनी विस्थापित हुए हैं. यह आबादी का 95 प्रतिशत हिस्सा है.यहां लगभग 90 फीसदी भूभाग पर विभिन्न समय पर इजराइली निकासी निर्देश लागू किए गए हैं. फिलीस्तीन के पर्यावरण गुणवत्ता प्राधिकरण का अनुमान है कि गाजा में लगभग 85,000 टन विस्फोटक छोड़े गए हैं. गाजा में, 2.2 मिलियन लोग "गंभीर खाद्य असुरक्षा" के संकट का सामना कर रहे हैं.
आर्थिक नुकसान
मार्च 2024 में प्रकाशित यूरोपीय संघ, विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र की एक संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार गाजा के बुनियादी ढांचे को प्रत्यक्ष नुकसान 18.5 बिलियन डॉलर था. व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानों के अनुसार, संघर्ष से पहले के तीन साल के दौरान गाजा ने औसतन प्रति तिमाही लगभग 670 मिलियन डॉलर मूल्य-वर्धित उत्पादन किया.
फिलिस्तीनी बच्चे दीर अल-बलाह में एक अस्थायी शिविर में खाद्य सहायता एकत्र करते हुए (AP) गाजा का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 2023 की अंतिम तिमाही में 81 फीसदी तक गिर गया. 2024 की शुरुआत तक, गाजा की 80 प्रतिशत से 96 फीसदी एग्रीकल्चर असेट - जिसमें सिंचाई प्रणाली, पशुधन फार्म, बाग़, मशीनरी और भंडारण सुविधाएं शामिल हैं - नष्ट हो चुकी होंगी, जिससे क्षेत्र की खाद्य उत्पादन क्षमता कम हो जाएगी और खाद्य असुरक्षा का स्तर पहले से ही उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा.
विस्थापित फिलिस्तीनी बच्चा अस्थायी शिविर में पानी की भरी बोतलें ले जाता हुआ (AP) युद्ध-पूर्व की दो-तिहाई नौकरियां - लगभग 201,000 पद तक खत्म हो जाएंगे. लगभग 1.9 मिलियन लोगों के विस्थापन से मानवीय स्थिति और भी बदतर हो गई है, आश्रय गृहों में भीड़भाड़ है और स्वच्छता सेवाएं अपर्याप्त हैं.
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