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90 घंटे काम की बहस के बीच सरकार की नई योजना, हफ्ते में 3 दिन छुट्टी, 4 दिन काम - 4 DAYS WORKING

लार्सेन एंड टूब्रो कंपनी के प्रमुख शेखरीपुरम नारायणन सुब्रमण्यम ने भी हफ्ते में 90 घंटे काम करने की वकालत की है.

Japan government announce new scheme
हफ्ते में 3 दिन छुट्टी (सांकेतिक तस्वीर Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 14, 2025, 4:51 PM IST

टोक्यो: एक ओर भारत में कर्मचारियों के वर्किंग आवर को लेकर भारत में बहस छिड़ी हुई है. एक के बाद एक देश के बड़े उद्योगपति इस मुद्दे पर अपनी राय रख रहे हैं. जहां इंफोसिस के मुखिया नारायणमूर्ति ने युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करने की वकालत की तो वहीं, लार्सेन एंड टूब्रो कंपनी के प्रमुख शेखरीपुरम नारायणन सुब्रमण्यम ने भी हफ्ते में 90 घंटे काम करने की वकालत की. इस बीच जापान ने 3 दिन छुट्टी देने का ऐलान किया है.

दरअसल, इस समय दुनिया के कई देशों में जन्‍मदर में गिरावट आई है, जिसमें जापान टॉप पर है. यहां बुजुर्गों की आबादी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि देश में आने वाले समय में जनसंख्‍या संबंधी संकट खड़ा हो सकता है. इससे निपटने के लिए जापान की सरकार कई तरह की योजनाएं ला रही है.

हाल ही में जापानी सरकार ने कर्मचारियों को 4 दिन काम करने और 3 दिन छुट्टी देने की योजना बनाई है. इसकी चर्चा अब भारत में भी खूब हो रही है. बता दें कि टोक्यो के गवर्नर युरिको कोइके ने बताया कि अप्रैल 2025 से कर्मचारियों को सप्ताह में 3 दिन की छुट्टी लेने का विकल्प मिलेगा, ताकि वे बच्चे पैदा करने, उनका पालन-पोषण करने के लिए ज्यादा समय दे सकें और बेहतर फैमिली लाइफ बिता सकें.

फैमिली पर ध्यान नहीं दे पा रहे लोग
करियर और काम के तनाव के चलते जापान में लोग अपनी फैमिली पर ध्‍यान नहीं दे पा रहे हैं. इस वजह से बीते कुछ सालों में जापान के लोग बच्‍चे पैदा करने में कम इंटरेस्ट ले रहे हैं. क्योंकि कई बार लोगों को अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ने पड़ती हैं. ऐसे में बड़ी तादाद में लोग अपने कैरियर पर फोक्स करना चाहते हैं. इससे देश का प्रजनन दर में गिरावट आ रही है.

महिलाएं फैमिली-करियर में बना पाएंगी बैलेंस
गवर्नर कोइके के मुताबिक हफ्ते में 4 दिन काम करने और 3 दिन छुट्टी मिलने से वर्कप्लेस पर फ्लेक्सिबिलिटी आएगी. साथ ही महिलाओं को करियर और परिवार के बीच बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी. इससे यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि कोई भी कर्मचारी बच्चों के पालन-पोषण के कारण अपना करियर खराब न करे.

उन्होंने बताया कि जिन माता-पिता के बच्‍चे प्राइमरी स्‍कूल में पढ़ रहे हैं, उन्‍हें काम के घंटों को कम करने का ऑप्शन भी दिया जाएगा, जिससे उनकी सैलरी में संतुलित कटौती होगी. बता दें कि जापान में पिछले साल सिर्फ 727,277 बच्‍चों ने जन्म लिया जो कि बीते सालों की तुलना में बहुत कम था.

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