हैदराबाद ःविश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पूरी दुनिया में 80 साल से कम आयु के 128 करोड़ से ज्यादा लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं. इनमें से दो-तिहाई निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं. अकेले भारत में 22 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भारत सहित दुनिया भर में लगातार जटिल हो रहा है. बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें पता नहीं है कि वे हाइपरटेंशन/उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की चपेट में आ चुके हैं. हाई ब्लड प्रेशर के कारण पीड़ित व्यक्ति किडनी, हार्ट स्ट्रोक जैसी अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो जाते हैं. इस कारण बड़ी संख्या में लोगों की होने वाली मौतों व अन्य गंभीर रोगों से बचाने के लिए जागरूकता लाने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है.
क्या है हाइपरटेंशन
18+ वर्ष की आयु के व्यक्तियों में बढ़े हुए रक्तचाप का आयु-मानकीकृत प्रसार (सिस्टोलिक रक्तचाप ≥140 और/या डायस्टोलिक रक्तचाप ≥90 mmHg के रूप में परिभाषित) है. इसके कई कारण हो सकते हैं. सामान्य तौर पर अस्वास्थ्यकर आहार (अत्यधिक नमक का सेवन, संतृप्त वसा और ट्रांस वसा में उच्च आहार, फलों और सब्जियों का कम सेवन), शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू और शराब का सेवन और अधिक वजन या मोटापा शामिल हैं. वहीं हाइपरटेंशन के पीछे कुछ अन्य कारकों में किसी व्यक्ति का पारिवारिक इतिहास, 65 वर्ष से अधिक आयु और मधुमेह (सुगर) या गुर्दे की बीमारी जैसी सह-मौजूदा बीमारियां भी शामिल हैं.
हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से 16 मार्च 2023 को जारी डेटा के अनुसार दुनिया भर में 30-79 वर्ष की आयु के 1.28 अरब (128 करोड़ ) वयस्क हाइपरटेंशन/हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं. इनमें से अधिकांश (दो-तिहाई) निम्न और मध्यम आय वाले देशों में निवास करते हैं.
- अनुमान है कि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित 46 फीसदी वयस्क इस बात से अनजान हैं कि वे इससे रोग से ग्रसित है.
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित आधे से भी कम वयस्कों (42 फीसदी) का डायग्नोसिस और उपचार किया जाता है.
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित लगभग 5 में से 1 वयस्क (21 फीसदी) में यह नियंत्रण में है.
- उच्च रक्तचाप दुनिया भर में असामयिक मृत्यु का एक प्रमुख कारण है.
- गैर-संचारी रोगों के लिए वैश्विक लक्ष्यों में से एक 2010 और 2030 के बीच उच्च रक्तचाप के प्रसार को 33 फीसदी तक कम करना है.
इन कारणों से हाई ब्लड प्रेशर होने का रहता है खतरा
उच्च रक्तचाप (उच्च रक्तचाप) तब होता है जब आपकी रक्त वाहिकाओं में दबाव बहुत अधिक (140/90 mmHg या अधिक) होता है. यह सामान्य है लेकिन अगर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है. कई बार उच्च रक्तचाप वाले लोगों को लक्षण महसूस नहीं हो सकते हैं. इसका पता लगाने का एकमात्र तरीका अपने रक्तचाप की जांच करवाना है. जिन कारणों से हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा बढ़ता है उनमें शामिल हैं:
- मोटापा (Obese)
- बड़ी उम्र (Older Age)
- आनुवंशिकी (Genetics)
- अधिक वजन (Being Overweight)
- उच्च नमक वाला आहार (High Salt Diet)
- बहुत अधिक शराब पीना (Drinking Too Much Alcohol)
- शारीरिक रूप से सक्रिय न होना (Not Being Physically Active)
ब्लड प्रेशर में 120/80 के क्या हैं मायने
- जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ आहार खाना, तंबाकू छोड़ना और अधिक सक्रिय रहना रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है. कुछ लोगों को इसके बाद भी दवाएं लेने की आवश्यकता हो सकती है.
- ब्लड प्रेशर को दो संख्याओं के रूप में लिखा जाता है. अमूमन सामान्य इंसान का ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg माना जाता है. पहली (Systolic) संख्या हृदय/हार्ट के सिकुड़ने या धड़कने पर रक्त वाहिकाओं में दबाव को दर्शाती है. दूसरी (Diastolic) संख्या वाहिकाओं में दबाव को दर्शाती है जब हृदय धड़कनों के बीच आराम करता है.
- सामान्य तौर पर यदि कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) से पीड़ित है या नहीं इसका पता लगाने के लिए ब्लड प्रेशर जांच जरूरी है. जब ब्लड प्रेशर दो अलग-अलग दिनों में मापा जाता है, दोनों दिनों मेंसिस्टोलिक रक्तचाप रीडिंग ≥140 mmHgहै और/या दोनों दिनों में डायस्टोलिक रक्तचाप रीडिंग ≥90 mmHg है.
- चिकित्सा विज्ञान में mm का उपयोग पारा (Mercury) के मिलीमीटर (millimeter) के संक्षिप्त नाम के लिए किया जाता है. यह ब्लड प्रेशर को रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक माप है. वहीं Hg का उपयोग पारा के मैटेलिक एलिमेंट (Metallic Element) के प्रतीक के रूप में किया जाता है. संक्षिप्त नाम mmHg का अर्थ है. पारा का मिलीमीटर, पारा के एक स्तंभ की ऊंचाई, जैसा कि रक्तचाप (Blood Pressure) पढ़ने में होता है. बता दें कि इंसान के लिए पारा जहरीला होता है.
उच्च रक्तचाप/ हाई ब्लड प्रेशर/हाइपरटेंशन के क्या हैं प्रमुख लक्षण
हाइपरटेंशन वाले ज्यादातर लोगों को कोई लक्षण महसूस नहीं होता है. हाइपरटेंशन बढ़ने के कारण सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, सीने में दर्द सहित अन्य लक्षण हो सकते हैं. कोई व्यक्ति हाइपरटेंशन से पीड़ित है या नहीं यह जानने के लिए ब्लड प्रेशर की जांच जरूरी है. हाइपरटेंशन का इलाज नहीं किया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इस कारण संबंधित व्यक्ति किडनी रोग, हार्ट की समस्या और स्ट्रोक जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो सकते है. यदि आप में हाई ब्लड प्रेशर का कोई लक्षण दिखे या और आप इसे अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. हाई ब्लड प्रेशर (आमतौर पर 180/120 या अधिक) वाले लोग निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं:
- चिंता (Anxiety)
- भ्रम (Confusion)
- जी मिचलाना (Nausea)
- उल्टी करना (vomiting)
- चक्कर आना (Dizziness)
- छाती में दर्द (Chest Pain)
- कानों में गूंजना (Buzzing In Ears)
- नाक से खून आना (Nosebleeds)
- गंभीर सिरदर्द (Severe Headaches)
- धुंधली दृष्टि (Blurred Vision)
- अन्य दृष्टि परिवर्तन (Other Vision Changes)
- सांस लेने में दिक्क्त (Difficulty In Breathing)
- असामान्य हृदय ताल (Abnormal Heart Rhythm)
उच्च रक्तचाप/ हाईब्लड प्रेशर का पता लगाने का एकमात्र तरीका एक स्वास्थ्य पेशेवर से रक्तचाप मापना है. रक्तचाप को मापना त्वरित और दर्द रहित है. यद्यपि व्यक्ति स्वचालित उपकरणों का उपयोग करके अपने स्वयं के रक्तचाप को माप सकते हैं. जोखिम और संबंधित स्थितियों के आकलन के लिए स्वास्थ्य पेशेवर की ओर से मूल्यांकन महत्वपूर्ण है.
जीवनशैली में बदलाव से उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है. इसमे शामिल है:
- तम्बाकू छोड़ना
- वजन घट रहा है
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहना
- स्वस्थ, कम नमक वाला आहार लेना
यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर है, तो आपका डॉक्टर एक या अधिक दवाओं की सिफारिश कर सकता है. आपका अनुशंसित ब्लड प्रेशर लक्ष्य इस बात पर निर्भर हो सकता है कि आपकी अन्य स्वास्थ्य स्थितियां क्या हैं. यदि आपके पास रक्तचाप का लक्ष्य 130/80 से कम है:
- हृदय रोग (हृदय रोग या स्ट्रोक)
- मधुमेह (उच्च रक्त शर्करा)
- दीर्घकालिक वृक्क रोग
- हृदय रोग के लिए उच्च जोखिम
- अधिकांश लोगों के लिए, लक्ष्य रक्तचाप 140/90 से कम होना है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार रक्तचाप की कई सामान्य दवाएं हैं:
- एनालाप्रिल और लिसिनोप्रिल सहित एसीई अवरोधक रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं और गुर्दे की क्षति को रोकते हैं.
- लोसार्टन और टेल्मिसर्टन सहित एंजियोटेंसिन-2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (एआरबी) रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं और गुर्दे की क्षति को रोकते हैं.
- एम्लोडिपिन और फेलोडिपिन सहित कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं.
- हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड और क्लोर्थालिडोन सहित मूत्रवर्धक शरीर से अतिरिक्त पानी को खत्म करते हैं, जिससे रक्तचाप कम होता है.