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शरीर में किस विटामिन की कमी से हो सकता है डायबिटीज, जानें क्या कहते है विशेषज्ञ

मधुमेह या डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, लेकिन क्या आपको बता है यह बीमारी किस विटामिन की कमी के कारण हो सकता है, पढ़ें खबर...

Which vitamin deficiency in the body increases the risk of diabetes
शरीर में किस विटामिन की कमी से हो सकता है डायबिटीज (CANVA)

By ETV Bharat Health Team

Published : Nov 14, 2024, 12:46 PM IST

Updated : Nov 14, 2024, 2:03 PM IST

डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है जो हाई ब्लड शुगर का कारण बनता है. इस बीमारी में आपका शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या अपने द्वारा बनाए गए इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है. मधुमेह की बीमारी को डायबिटीज और शुगर भी कहा जाता है. ये बीमारी अनुवांशिक भी होती है और खराब जीवनशैली के कारण भी होती है. साफ शब्दों में कहा जाए तो डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके ब्लड शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है. यह आपकी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे हृदय और रक्त संचार संबंधी बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है.

किस विटामिन की कमी से डायबिटीज होता है
विटामिन डी, सी और विटामिन बी12 की कमी से डायबिटीज हो सकता है. विटामिन डी की कमी से इंसुलिन का स्राव कम हो जाता है और इंसुलिन की संवेदनशीलता कम हो जाती है. इससे ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ सकता है. विटामिन डी की कमी से पैंक्रियाज सही से काम नहीं कर पाता, जिससे शरीर में इंसुलिन बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है. बता दें, विटामिन डी की कमी से टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह की डायबिटीज हो सकती है.

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, विटामिन बी12 की कमी से भी डायबिटीज हो सकता है
मेटफॉर्मिन, जो टाइप 2 डायबिटीज की एक आम दवा है, इससे विटामिन बी12 की कमी हो सकती है. टाइप 2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन थेरेपी B12 की कमी से जुड़ी होती है, जिसके परिणामस्वरूप B12 की कमी होने का 10 फीसदी ज्यादा रिस्क होता है. मेटफॉर्मिन का उपयोग और B12 की कमी का खतरा खुराक और अवधि के साथ बढ़ता है. कमी शुरू होने के 3-4 महीने बाद ही देखी जा सकती है, इसलिए रैंडम ब्लड टेस्ट के लिए जाना और अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है .

मेटफोर्मिन और विटामिन बी12 की कमी
विटामिन बी12 का कम अवशोषण मेटफॉर्मिन के लॉन्ग टर्म यूज का एक साइड इफेक्ट है. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मेटफॉर्मिन टाइप 2 डायबिटीज वाले 30 फीसदी लोगों में विटामिन बी12 के अवशोषण को कम कर सकता है.

मेटफॉर्मिन से संबंधित विटामिन बी12 की कमी तब होती है जब मेटफॉर्मिन विटामिन बी12-आंतरिक कारक कॉम्प्लेक्स में हस्तक्षेप करके विटामिन बी12 के अवशोषण को कम करता है. हमारी छोटी आंतों में रिसेप्टर्स जो बी12-आईएफ कॉम्प्लेक्स को अवशोषित कर सकते हैं, उन्हें प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कैल्शियम की भी आवश्यकता होती है. इसे कैल्शियम-निर्भर होना कहा जाता है. मेटफॉर्मिन कैल्शियम-निर्भर प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है. जिससे बी12-आईएफ कॉम्प्लेक्स को अवशोषित होने में समस्या हो सकती है.

टाइप 1 डायबिटीज
टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों में सीलिएक रोग या थायरॉयड समस्याओं जैसे अन्य ऑटोइम्यून कॉम्प्लिकेशन का रिस्क ज्यादा होता है. उन्हें घातक एनीमिया होने का भी खतरा ज्यादा होता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें आंत में विटामिन बी12 के वाहक, आंतरिक कारक के खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन होता है. इससे बी12 की कमी की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि विटामिन बी12 आंत से गुजरते समय सुरक्षित नहीं रहता है.

American Diabetes Association के मुताबिक, विटामिन डी और विटामिन सी की कमी से डायबिटीज हो सकता है
विटामिन डी की कमी से इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है. विटामिन डी की कमी और टाइप 2 मधुमेह के बीच संबंध दिखाया गया है. विटामिन डी की कमी से ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म प्रभावित हो सकता है.sciencedirect के अनुसार,विटामिन सी और डी सेल्स में इंसुलिन के प्रवेश और शरीर में ग्लूकोज के सर्कुलेशन को बढ़ावा देते हैं. इन विटामिनों की कमी से इंसुलिन स्राव और ग्लूकोज सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है.

क्या कहता है रिसर्च
हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया किडायबिटीज से पीड़ित वृद्ध लोगों में विटामिन डी के कम स्तर के कारण पैरों में अल्सर होने की संभावना अधिक होती है. यह अध्ययन डायबिटीज के कारण पैर में अल्सर होने के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों में विटामिन डी के स्तर का आकलन करने वाला पहला अध्ययन था. अल्सर की गंभीरता बढ़ने के साथ ही विटामिन डी का स्तर लगातार कम होता गया. वास्तव में, जिन लोगों के पैर में अल्सर सबसे अनुकूल था (ग्रेडिंग स्केल के आधार पर सबसे कम गंभीर), उनमें विटामिन डी का स्तर अल्सर के सबसे खराब फेज या ग्रेड वाले लोगों में देखे गए स्तर से दोगुना से भी ज्यादा था.

अध्ययन में 60 से 90 वर्ष की आयु के 339 लोग शामिल थे जो टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित थे, 204 लोग पैर के अल्सर से पीड़ित थे और 135 लोग बिना किसी अल्सर के थे. अधिकांश लोगों में, 10 में से 8 लोगों में विटामिन डी की कमी थी, लेकिन विटामिन डी की कमी डायबिटीज के पैर के अल्सर वाले लोगों में बिना किसी अल्सर वाले लोगों की तुलना में अधिक आम थी.

विटामिन डी की कमी से जुड़ी कुछ और समस्याएं

  • डिप्रेशन का बढ़ना
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना
  • पसीना आना
  • हड्डियों की बीमारी
  • हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत
  • एंजाइटी या घबराहट होना
  • बच्चों में रिकेट्स

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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Last Updated : Nov 14, 2024, 2:03 PM IST

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