विश्व कैंसर दिवस 2024: सही समय पर जांच व इलाज से कम हो सकती है कैंसर से जनहानि
World Cancer Day 2024 : दुनिया भर में लोगों को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस पिछले वर्ष की भांति "क्लोज द केयर गैप" थीम पर मनाया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर..
हैदराबाद : चिकित्सकों का कहना है कि यदि सही समय पर कैंसर रोगियों की जांच व इलाज हो जाए इस रोग के कारण होने वाली जनहानि को काफी हद तक कम किया जा सकता है. वहीं यदि जीवनशैली में सुधार के साथ कुछ खास बातों को ध्यान में रख कर जीवन यापन किया जाय तो किसी भी प्रकार के कैंसर के होने की आशंका को ही काफी हद तक कम किया जा सकता है, लेकिन आमतौर पर ऐसा हो नहीं पाता है. दरअसल जीवन जीने का अनुशासनहीन तरीका ही नहीं बल्कि अलग-अलग प्रकार के कैंसर के लक्षणों को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी तथा रोग के पता चलने के बाद भी उनके इलाज व देखभाल में कमी, ना सिर्फ रोग की गंभीरता व इलाज में मुश्किलें बढ़ा देती हैं . साथ ही कई मामलों में पीड़ित की जान जाने की आशंका को भी बढ़ा देती है.
वैश्विक स्तर पर कैंसर के सभी प्रकारों , उनके कारण, लक्षणों, जांच-इलाज तथा इसके निदान के लिए जरूरी सभी प्रकार के उपचार व देखभाल के तरीकों को लेकर आमजन में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल से 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है.
क्या कहते हैं चिकित्सक इंदौर के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट तथा इंदौर कैंसर फाउंडेशन के संस्थापक डॉ दिगपाल धारकर के अनुसार कैंसर में ज्यादातर मामलों में आसीन या खराब जीवनशैली, ओबेसिटी तथा जेनेटिक कारण जिम्मेदार होते है. वह बताते हैं कि वर्तमान समय में ना सिर्फ हर उम्र के लोगों में बढ़ते अलग- अलग प्रकार के कैंसर के मामलों के लिए बल्कि और भी कई प्रकार के रोगों के लिए काफी हद तक खराब जीवनशैली के साथ खाने पीने की खराब आदतें जिम्मेदार होती हैं. इसके अलावा कैंसर के कुल मामलों में से लगभग 10 % के लिए आनुवंशिक कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं.
वह बताते हैं कि कैंसर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है, लेकिन कैंसर के ज्यादातर प्रकारों में यदि रोग की शुरुआत या उसके पहले चरण में ही रोग के होने की पुष्टि हो जाए तो अधिकांश रोगियों में उसका पूरी तरह से निदान संभव है. लेकिन यदि जांच में देरी हो जाए और रोग का पता दूसरे या तीसरे चरण में चले तो ना सिर्फ इलाज में मुश्किलें आ सकती हैं बल्कि पीड़ित के पूरी तरह से ठीक होने की आशंका भी कम हो सकती है.
ग्लोबल कैंसर डाटा
वह बताते हैं कि ना सिर्फ कैंसर बल्कि ज्यादातर रोगों से बचाव के लिए जीवनशैली व आहार शैली को स्वस्थ रखने के साथ स्वास्थ्य के लेकर जागरूक रहना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए बहुत जरूरी है साबुत अनाज, हरी सब्जियों व फलों से युक्त पौष्टिक व संतुलित आहार समय पर खाएं और अनुशासित व एक्टिव जीवनशैली का पालन करें. इसके अलावा नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं. साथ ही शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या के लगातार होने को नजरअंदाज ना करें और चिकित्सक से परामर्श लें. इसके अलावा धूम्रपान व नशे से परहेज करें. साथ ही ऐसे लोग जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास है उनके लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कराना बेहद जरूरी होता है.
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विश्व कैंसर दिवस गौरतलब है कि सबसे पहले यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल द्वारा वर्ष 1993 विश्व कैंसर दिवस मनाया था. लेकिन इसे नियमित रूप से सालाना आयोजन के रूप में मनाए जाने की शुरुआत 4 फरवरी 2000 को पेरिस में हुए एक विश्व कैंसर सम्मेलन “वर्ल्ड मिलेनियम अगेंस्ट कैंसर फॉर द न्यू मिलेनियम” में हुई थी. ज्ञात हो कि वर्ष 2022 से लेकर 2024 तक विश्व कैंसर दिवस एक अभियान के रूप में एक ही थीम "क्लोज द केयर गैप" पर मनाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य से ना सिर्फ दुनिया के हर कोने में कैंसर से जुड़े हर मुद्दे जिनमें रोग के कारणों, लक्षणों व इलाज को लेकर जागरूकता फैलाने के साथ , इस कार्य को सरल करने के ज्यादा से ज्यादा जनों को इस मुहिम से जोड़ना भी रहा है. क्योंकि संगठित प्रयासों से कैंसर के वैश्विक प्रभाव को कम करने और इसके कारण होने वाली जनहानि को रोकने या कम करने में काफी मदद मिल सकती है.
ग्लोबल कैंसर डाटा
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विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सभी प्रकार के कैंसर से निदान व उनके उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाने तथा इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए ना सिर्फ चिकित्सकों बल्कि सरकारी,सामाजिक व स्वास्थ्य संबंधी संस्थाओं को मंच देने के उद्देश्य से वैश्विक स्तर पर सरकारी, गैर सरकारी, सामाजिक, शैक्षणिक तथा स्वास्थ्य सम्बंधी संस्थाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन भी किया जाता है.
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कैंसर से जुड़े आंकड़े इस सत्य है पिछले कुछ में दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में कैंसर के अलग अलग प्रकारों से पीड़ित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है जो एक वैश्विक चिंता का विषय है. आंकड़ों की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैंसर एजेंसी , इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार वर्ष 2022 में लगभग दो करोड़ कैंसर के नए मामले संज्ञान में आए थे तथा इस रोग के चलते लगभग 97 लाख लोगों की जानें गई थी. वहीं सिर्फ भारत की बात करें तो अकेले भारत में वर्ष 2022 तक कैंसर के 1,413,316 नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें महिला रोगियों का अनुपात पुरुषों से अधिक था. इस रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा यह आशंका भी जताई गई थी कि वर्ष 2050 में वैश्विक स्तर पर कैंसर के नए रोगियों की संख्या 3.5 करोड़ से अधिक हो जाएगी, जो 2022 के मुकाबले 77 फीसदी अधिक होगी.