डायबिटीज पेशेंट की संख्या इन दिनों काफी तेजी से बढ़ रही है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है जो जब तक जिंदगी है तब तक साथ साथ रहती है. इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को विशेषकर अपने खानपान और रहन-सहन पर ध्यान देने की जरूरत होती है. यह एक ऐसी बीमारी जिसमें जरा सी भी लापरवाही कई अन्य बीमारियों को न्योता दे सकती है. इसलिए शुगर पेशेंट को सही लाइफस्टाइ, उचित खानपान, रेगुलर एक्सरसाइज और सही दिनचर्या का पालन करना चाहिए. शुगर जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों को अपने खाने-पीने और सोने का नियम जरूर बना लेना चाहिए. डायबिटीज मरीजों को पानी पीने पर खास ध्यान देने की जरूरत है.
लाइफस्टाइल में उचित बदलाव करना डायबिटीज को मैनेज करने और अलग-अलग कॉम्प्लिकेशन से बचने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. डायबिटीज रोगियों के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना महत्वपूर्ण है. डायबिटीज आधुनिक शैली के पार्श्व प्रभावों में से एक है. एक समय था जब डायबिटीज को बुजुर्ग लोगों की बीमारी कहा जाता था, लेकिन आज ये बीमारी हर वर्ग और उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. आज इसके शिकार बच्चे-बूढ़े, अमीर-गरीब हर उम्र और वर्ग के लोग बन रहे है.
देर से सोना, देर से जागना, बेवक्त और अपौष्टिक भोजन ग्रहण करना, व्यायाम न करना मुख्य कारण है, जो इस असंयमित और अस्वस्थ जीवनशैली की देन है. ऐसे में यदि कोई रोगी डायबिटीज जैसी बीमारी से पीड़ित है, तो उसकी परेशानियां और बढ़ जाती हैं. सही इलाज और देखभाल के अभाव में यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है.
डायबिटीज मरीज दोपहर को न सोएं
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिनऔर विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज मरीजों को कभी भी दोपहर के समय में नहीं सोना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि, दोपहर में खाना खाने के बाद सोने से डाइजेस्टिव फंक्शन स्लो हो जाता है और इसके कारण ब्लड शुगर लेवल अनकंट्रोल हो सकता है. इस वजह से, डायबिटीज पेशेंट को दोपहर में सोने से बचना चाहिए. अगर दोपहर में सोना काफी जरूरी हो, तो खाना खाने के बाद लेफ्ट करवट लेकर 10 मिनट तक आराम किया जा सकता है.