हैदराबाद :मानव शरीर के स्वस्थ रहने के लिए कैल्शियम आवश्यक है. कैल्शियम छोटे बच्चों से लेकर वयस्कों तक सभी उम्र के लोगों के लिए आवश्यक है. चाहे बात मजबूत हड्डियों की हो, हृदय सहित मांसपेशियों के संकुचन पर नियंत्रण की हो, मजबूत दांतों की हो, स्वस्थ तंत्रिका तंत्र की हो इन सभी में कैल्शियम की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, कैल्शियम हार्मोन उत्पादन, सेल सिग्नलिंग सिस्टम और एंजाइम फ़ंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी शरीर में कैल्शियम कम हो जाता है तो यह हमें कुछ लक्षणों के जरिए इसके बारे में पता लग जाता है...
कैल्शियम की कमी के लक्षण
कैल्शियम की कमी - जिसे हाइपोकैल्सीमिया के रूप में भी जाना जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब आपके रक्त में पर्याप्त कैल्शियम नहीं होता है. कैल्शियम एक आवश्यक खनिज है जो हड्डियों के स्वास्थ्य, मांसपेशियों के संकुचन, तंत्रिका संचरण जैसी कई शारीरिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिलने से मांसपेशियों में ऐंठन, मूड में बदलाव और त्वचा या बालों का सूखापन जैसे लक्षण हो सकते हैं.
शोध का अनुमान है कि दुनिया भर में 3.5 अरब से अधिक लोगों में कैल्शियम की कमी है या उनमें कैल्शियम का स्तर कम होने का खतरा है. कैल्शियम की कमी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं. कुछ लोगों में हाइपोकैल्सीमिया के लक्षण अचानक हो सकते हैं, जबकि अन्य लोगों में समय के साथ धीरे-धीरे लक्षण विकसित होते हैं. आपके लक्षण अक्सर कैल्शियम की कमी के अंतर्निहित कारण और गंभीरता पर निर्भर होंगे.
हाइपोकैल्सीमिया के लक्षण
मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और चलने या हिलने-डुलने पर जांघों और बांहों में दर्द. हाथ, बांह, पैर और टांगों के साथ-साथ मुंह के आसपास सुन्नता और झुनझुनी
ऐंठन: मांसपेशियों के कार्य के लिए कैल्शियम महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कैल्शियम का स्तर कम होगा तो मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करेंगी. ऐसा कहा जाता है कि कैल्शियम की कमी के कारण पैरों और हाथों की मांसपेशियों में सुस्ती और सुन्नता की भावना न केवल काम करते समय, बल्कि आराम करते समय भी होती है.
अत्यधिक थकान : कैल्शियम का निम्न स्तर अत्यधिक थकान का कारण बन सकता है, जिसमें ऊर्जा की कमी और सुस्ती की समग्र भावना शामिल है. इससे अनिद्रा भी हो सकती है. कैल्शियम की कमी के कारण लोगों में चक्कर आना, भूलने की बीमारी और भ्रम होने की संभावना बढ़ सकती है.
टूटे हुए नाखून: उंगलियों के नाखून भी हमारे स्वास्थ्य का संकेत देते हैं विशेषज्ञों का कहना है कि नाखूनों के जरिए कैल्शियम के स्तर का पता लगाया जा सकता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर शरीर में पर्याप्त कैल्शियम नहीं होगा, तो नाखून भंगुर हो जाएंगे और नाखूनों के सिरे टूटकर अलग हो जाएंगे.