नई दिल्ली: विटामिन्स और पोषक तत्व हमारे शरीर और मस्तिष्क के लिए काफी अहम हैं. अगर शरीर या मस्तिष्क में इन पोषक तत्वों की कमी हो जाए, तो हमें कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए बेहद जरूरी है कि हम अपने शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों और विटामिन्स की कमी न होने दें. खासतौर पर मस्तिष्क के लिए जरूरी विटामिन्स की कमी तो कभी भी नहीं होनी चाहिए.
अगर मस्तिष्क को आवश्यक विटामिन्स और पोषक तत्वों न मिलें तो दिमाग की नसें सिकुड़ने लगती हैं और इससे ब्रेन में खून की सप्लाई रुक जाती है. इसके चलते आपको लकवा भी हो सकता है. ऐसा खासकर विटामिन बी12 और विटामिन डी की कमी से होता है.
विटामिन B12 की कमी से सिकुड़ने लगता है दिमाग
विटामिन बी12 दिमाग के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन, डीएनए सिंथेसिस और नर्वस सिस्टम के रखरखाव में मदद करता है. विटामिन बी12 की कमी से एनीमिया हो सकता है, जो लकवा सहित नर्वस संबंधी समस्याओं का कारण बनता है.
बता दें कि जब शरीर हमारा शरीर भोजन से विटामिन बी12 को अवशोषित नहीं करता है तो एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है और हमें ऑटोइम्यून और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसओर्डर की समस्या हो सकती है.
विटामिन बी12 की कमी के लक्षण
विटामिन बी12 की कमी होने पर थकान, कमजोरी और हाथ-पैरों में सुन्नपन या झुनझुनाहट होने लगती है. अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो इससे डिप्रेशन, याददाश्त में कमी और लकवा जैसी समस्याओं हो सकती हैं.
ब्रेन के लिए जरूरी है विटामिन डी
ब्रेन के लिए विटामिन डी भी बेहद जरूरी है. यह कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है. विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोमैलेशिया हो सकता है. यह कमजोरी, दर्द और स्ट्रोक का कारण बन सकता है. इतना ही नहीं विटामिन डी की कमी का असर दिमाग पर भी पड़ता है.
विटामिन डी की कमी होने पर थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और हड्डियों में दर्द होने लगता है. समय पर अगर विटामिन डी की कमी का इलाज न किया जाए, तो मांसपेशियों में ऐंठन, स्ट्रोक और लकवा जैसी गंभीर स्थिति का खतरा रहता है.
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