हैदराबाद :सभी जानते हैं कि अगर अगर आलू लाकर लंबे समय के लिए रख दिए जाएं तो वो अंकुरित हो जाते हैं. हैं. कुछ लोग Sprouts को काटकर खाना पकाने में इस्तेमाल करते हैं. क्या आप भी ऐसा कर रहे हैं? तो विशेषज्ञों का कहना है कि यह नुकसानदायक हो सकता है. कहा जाता है कि अंकुरित आलू खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. आइए जानते हैं कि अंकुरित आलू खाने से कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं.
अंकुरित आलू में विषाक्त यौगिक :विशेषज्ञों का सुझाव है कि खाना पकाने में अंकुरित या हरे आलू का उपयोग करने से बचना बेहतर है. विशेषज्ञों का कहना है कि अंकुरित आलू की पौष्टिकता कम हो जाती है. इसके अलावा, ग्लाइकोअल्कलॉइड्स नामक कुछ विषैले यौगिक भी बनते हैं और इससे फूड पॉइजनिंग होती है. साथ ही.. ऐसा कहा जाता है कि अंकुरित आलू में सोलनिन का स्तर बढ़ जाता है, जो सेहत के लिए अच्छा नहीं है.
कब्ज की शिकायत: अंकुरित आलू पर कई शोध भी हो चुके हैं. अंकुरित आलू खाने से उल्टी, दस्त, मतली (उबकाई) और पेट दर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है. 2002 में 'फूड एंड केमिकल टॉक्सिकोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने अंकुरित आलू खाया, उनमें सोलनिन का स्तर काफी बढ़ गया और उन्हें उबकाई, उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसे लक्षण महसूस हुए. इस शोध में आयरलैंड के डबलिन विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में फार्माकोलॉजी और थेरेप्यूटिक्स के प्रोफेसर डॉ. डेनिस जेआर मैकऑलिफ शामिल हैं.
क्या होता है जब डायबिटीज के मरीज इसे खाते हैं : विशेषज्ञों का सुझाव है कि डायबिटीज केरोगियों को अंकुरित आलू नहीं खाना चाहिए. क्योंकि जब आलू अंकुरित होते हैं, तो उनमें स्टार्च की मात्रा शुगर में बदल जाती है. इससे ग्लाइसेमिक इंडेक्स बढ़ता है. ताजे आलू की तुलना में अंकुरित आलू खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है. इसलिए डायबिटीज केरोगियों को अंकुरित आलू न खाने की सलाह दी जाती है.