कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसकी गंभीरता और उसकी भयावहता से लगभग सभी लोग वाकिफ हैं. हालांकि चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति के चलते सही समय पर कैंसर का पता चलने पर उसका इलाज संभव है. लेकिन फिर भी हर साल बड़ी संख्या में लोग जागरूकता और सही समय पर सही इलाज के अभाव में विभिन्न प्रकार के कैंसर के चलते अपनी जान गंवा देते हैं. ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी (ग्लोबोकॉन) 2018 के अनुसार महिलाओं में जितने भी तरह के कैंसर होते हैं, उनमें ओवेरियन कैंसर तीसरा सबसे आम कैंसर है. मृत्यु दर के मामले में इसका स्थान पांचवां है.
देर से पता लगता है इस बीमारी के बारे में
महिलाओं में प्रचलित कैंसर की बात करें, तो महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ओवेरी का कैंसर होता है. नेशनल ओवेरियन कैंसर कोएलिशन की एक रिपोर्ट की माने तो लक्षणों को लेकर अज्ञानता या उन्हें लेकर अनदेखी के चलते Ovarian cancer से पीड़ित लगभग 85 फीसदी महिलाओं को इस बीमारी के बारे में बहुत देर से पता चल पाता है. वहीं मात्र 15 फीसदी महिलाओं को समय से इस रोग का निदान मिल पाता है. ऐसे में ज़्यादातर मामलों में जब तक महिला में इस रोग की पुष्टि होती है तक तक इस रोग की जटिलताएं और गंभीरता दोनों बढ़ जाती है.
ओवेरियन कैंसर सबसे ज्यादा जाती है जान
इस बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है. दरअसल, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ओवेरियनवैक्स नामक एक नया टीका विकसित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य ओवेरियन कैंसर को रोकना है. अध्ययन को निधि देने वाले कैंसर रिसर्च यूके ने इसे एक रोमांचक कदम करार दिया है. ओवेरियन कैंसर का असर डिम्बग्रंथि पर पड़ता है, यू.के. में हर साल लगभग 7,500 नए मामलों का निदान किया जाता है, और लगभग 4,100 महिलाएं हर साल इस बीमारी से मर जाती हैं.
ओवेरियनवैक्स टीके का किया गया निर्माण
ओवेरियन कैंसर के उपचार के तरीकों में आम तौर पर सर्जरी और कीमोथेरेपी शामिल होती है, साथ ही कैंसर के प्रकार और प्रसार के आधार पर लक्षित दवाएं और हार्मोन उपचार जैसे अतिरिक्त विकल्प भी उपलब्ध होते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवेरियनवैक्स टीके को इस तरह से निर्मित किया जा रहा है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ओवेरियन कैंसर को शुरुआत में ही पकड़ ले और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोके या नष्ट कर दें.