मांसपेशियों में अकड़न, पैरों और शरीर के किसी भी हिस्से में अक्सर बिना वजह दर्द रहना, इस गंभीर बीमारी के हो सकते संकेत - PAIN IN BODY WITHOUT ANY REASON
शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हार्ट और मस्तिष्क संबंधित रोग के साथ कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जानें कैसे...
शरीर में LDA यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, आज के दौर में एक आम समस्या माना जाने लगा है. दुनिया भर में लगभग हर उम्र के लोगों में यह समस्या बहुत तेजी से अपना प्रभाव दिखा रही है. इसके लिए विशेषतौर पर जीवनशैली का हिस्सा माने जाने वाले आहार तथा व्यायाम सहित अन्य फैक्टर्स से जुड़ी असंतुलित आदतों को जिम्मेदार माना जा रहा है.
क्या होता है कोलेस्ट्रॉल दरअसल, कोलेस्ट्रॉल एक फैट जैसा पदार्थ होता है जो हमारे शरीर की लगभग सभी कोशिकाओं में पाया जाता है. यह शरीर में पाए जाने वाले प्रोटीन का एक टाइप होता है. दरअसल हमारे शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं. पहला एलडीएल यानी लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन और दूसरा एचडीएल यानी हाई डेंसिटी लिपॉप्रोटीन. इनमें LDA को बैड कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल को गुड कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है. ज्यादा फैटी फूड खाने से, शारीरिक स्वास्थ्य की वजह से या तनाव जैसी समस्याओं के कारण भी शरीर में एलडीएल का स्तर बढ़ सकता है.
बता दें, जैसे-जैसे शरीर में एलडीएल का स्तर बढ़ता है, एचडीएल का स्तर कम होने लगता है. ऐसी स्थिति में हमारी रक्त वाहिकाओं और धमनियों में वसा जमा होने लगती है, जिससे शरीर की ब्लड सर्कुलेशन प्रोसेस बाधित होने लगती है. नतीजतन हार्ट , मस्तिष्क तथा शरीर के कई अंगों में रोग या समस्या उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है. बेंगलुरु के फिजीशियन डॉ आर. रामचंद्रन बताते हैं कि शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जिसे हाई कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, एक लाइफ स्टाइल डिजीज मानी जा सकती है.
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण क्या है?
बेंगलुरु के फिजीशियन डॉ आर. रामचंद्रन के मुताबिक, वैसे तो कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कोई लक्षण नहीं होते है, ब्लकी यह अन्य दूसरी बीमारियों के लिए रिस्क फैक्टर्स होता है. फिर भी शरीरिक स्थिति में कुछ बदलाव कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की ओर संकेत कर सकते है.
(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)