हैदराबादः मौसम में बदलाव के कारण गले में ख्रास, सर्दी, खांसी, हल्का-फुल्का बुखार आम बात बात है. सामान्य तौर पर इंतजार किये बिना हममें से ज्यादातर लोग स्वंय डॉक्टर-वैद्य बन जाते हैं. इन परिस्थितियों में एंटीबायोटिक दवाइयों का सहार लेते हैं. यही नहीं ज्यादातर लोग स्वयं ऐसा करने के साथ-साथ अपने आस-पड़ोस के लोगों, दोस्तों और दफ्तर के सहकर्मियों को भी इन परिस्थितियों में एंटीबायोटिक लेने की सलाह देते हैं.
यही नहीं कई बार मेडिकल स्टोर वाले भी बिना जांच-परख के डॉक्टर बन जाते हैं और यह सेहत के लिए काफी खतरनाक है. खासकर गर्भवती महिलाओं, बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाएं व एंटीबायोटिक से एलर्जी वाले लोगों को हर हाल में बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक दवाइयां लेने से बचना चाहिए.
रिम्स रांची में सेवारत न्यूरो व स्पाइन सर्जन डॉ. विकास कुमार सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. सोशल मीडिया पर भी वे आम लोगों को समस्याओं के लिए सुझाव देते हैं. उन्होंने हालिया सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से आम लोगों को बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक उपयोग से होने वाले खतरे के बारे में अगाह किया है. डॉ. विकास का कहना है कि एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरियल इन्फेक्शव में काम आती है. वायरल बीमारियों में नहीं. कई प्रकार की बीमारियां, सर्दी, मौसम में बदलाव की वजह से जैसे सर्दी-खांसी-बुखार जैसी समस्याएं वायरल इंफेक्शन से होती है. इन स्थितियों में एंटीबायोटिक का कोई लेना देना नहीं है.
5-10 गोली भी हो सकता है खतरनाक
- बार-बार एंटीबायोटिक खाने से कई नुकसान हैं. भले ही कोई व्यक्ति 5-10 गोलियां ही खाये, लेकिन इसका काफी खतरनाक हो सकता है.
- एंटीबायोटिक के कारण कई बार हमारा शरीर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस (प्रतिरोधी) या मजबूत बन जाता है. बीमार पड़ने पर एंटीबायोटिक्स का असर हमारे शरीर पर नहीं पड़ता है. सीधे कहें तो दवा काम करना बंद कर देती है.
- शरीर में कई प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं. इनमें कुछ बॉडी फ्रेंडली भी होते हैं. बिना उचित वजह एंटीबायोटिक खाने से हमारे शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है. कई बार इससे पेट में कई तरह की समस्याएं होती हैं. इस ठीक होने में कई बार एक माह या इससे ज्यादा समय लग जाता है.