नई दिल्ली: हम जो भी खाना खाते हैं वह अंदर जाकर टूटता है और उसमें मौजूद ग्लुकोज यानी शुगर निकलना शुरू होता है. साथ ही ये पैंक्रियाज भी छोड़ता है. इसके चलते ग्लूकोज ब्लड के जरिए शरीर में जाता है. यह बिना इन्सुलिन के नहीं हो सकता है. वहीं, जब पैंक्रियाज से उचित मात्रा में एक्टिव इंसुलिन न निकले तो इसकी वजह से ब्लड में ग्लुगोज का लेवल बढ़ने लगता है और फिर इसी स्थिति को डायबिटीज या शुगर कहा जाता है.
यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है. इसमें शरीर के ब्लड में मौजूद शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे में अगर शरीर में पर्याप्त इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो ब्लड सेल तक ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता है और यह ब्लड में ही इक्ट्ठा हो जाता है. भारत में डायबिटीज के मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. कम उम्र के लोग भी डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं.
खानपान और लाइफस्टाइल है डायबिटीज का कारण
डायबिटीज की सबसे बड़ी वजह खराब खानपान और आराम तलब लाइफस्टाइल है. इसके अलावा बढ़ती उम्र, जेनेटिक, फिजिकल एक्टिविटी न करना, मोटापा, तनाव या डिप्रेशन के वजह से भी डायबिटीज हो सकती है. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि ज्यादा चीनी खाने से भी शुगर की समस्या हो सकती है. हालांकि, यह ठीक नहीं है.
एक्स्पर्ट की मानें तो डायबिटीज का मीठा खाने से कोई सीधा संबंध नहीं है. डायबिटीज होने का कारण मीठा खाना नहीं, बल्कि बॉडी में इन्सुलिन कमी है. अगर किसी शख्स के शरीर में मौजूद पैन्क्रियाज में इन्सुलिन सही ढंग से न बने तो उसके खून में ग्लूकोज बढ़ने लगता है. इस ग्लूकोज के ज्यादा बढ़ने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है.