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...तो लाडले की ग्रोथ के लिए पर्याप्त नहीं है ब्रेस्ट मिल्क, 6 महीने का हो गया शिशु तो गांठ बांध लें ये - Mother Breast milk

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 9, 2024, 6:20 PM IST

ICMR NIN study Mother Breast milk : आईसीएमआर-एनआईएन रिपोर्ट में कहा गया है कि छह महीने की उम्र के बाद शिशु के विकास को बनाए रखने के लिए केवल मां का दूध ही पर्याप्त नहीं है. ऐसे में यदि आपका लाडला 6 महीने का हो चुका है तो इन बातों को जरूर जानें.

ICMR NIN study
प्रतीकात्मक तस्वीर (etv bharat)

हैदराबाद: मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम और संपूर्ण आहार है. मगर रुकिए, रुकिए...भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (एनआईएन) के एक लेटेस्ट रिसर्च में बड़े काम की बात सामने आई है. परिषद ने इस बात पर जोर दिया है कि नवजात शिशुओं के विकास के लिए केवल मां का दूध पर्याप्त नहीं है, उन्हें दूध पिलाने के साथ ही पूरक आहार भी देना चाहिए.

प्रतीकात्मक तस्वीर (canva)

रिसर्च में कहा गया है कि छह महीने की उम्र पूरी होने के तुरंत बाद बढ़ते शिशुओं की बढ़ी हुई पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मां के दूध के साथ-साथ पर्याप्त और उचित पूरक आहार देना भी जरूरी है. इसमें पूरक आहार के साथ-साथ कम से कम दो साल तक स्तनपान जारी रखने की भी सिफारिश की गई है.

क्यों और कब खिलाएं पूरक आहार
जब बच्चा छह महीने का हो जाता है तो केवल मां का दूध या केवल स्तनपान ही शिशु की विकास के लिए पर्याप्त नहीं होता है. इसलिए 6 से 12 महीने तक स्तनपान करने वाले शिशुओं को स्तनपान के साथ-साथ लिक्विड आहार भी देना चाहिए. ऐसे में बता दें कि शिशुओं के शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम सभी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, क्योंकि वे तेजी से विकास के चरण में होते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (canva)

पूरक आहार में शामिल करें यह आहार
6 से 12 महीने के शिशु के लिए कुल ऊर्जा और प्रोटीन की आवश्यकता 650 से 720 किलो कैलोरी/दिन और 9-10.5 ग्राम/दिन है. छह महीने के बाद स्तन का दूध प्रतिदिन लगभग 500 किलो कैलोरी और 5 ग्राम प्रोटीन प्रदान करता है, जो छह महीने की उम्र के बाद शिशुओं के पूरे विकास के लिए काफी नहीं है. इसलिए, विकास में रुकावट को रोकने के लिए छह महीने के शिशु के लिए पूरक आहार की शुरुआत करना महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, शिशुओं की सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकताएं शरीर के वजन के आधार पर वयस्कों की आवश्यकताओं से लगभग 5 से 10 गुना अधिक होती है.

शिशुओं को पूरक आहार कैसे दें
अब सवाल उठता है कि शिशुओं को पूरक आहार कैसे दें? तो बता दें कि छह महीने में पूरक आहार शुरू करते समय 4-5 दिनों के लिए पतले लेकिन बिना पानी वाला दाल या दलिया से शुरुआत करें और धीरे-धीरे मसला हुआ भोजन दें. इसके बाद चावल का घोल, मसला हुआ आलू, उबले और मसले हुए सेब आदि शिशु के भोजन में शामिल करें. 6-8 महीने की उम्र के बच्चे को दिन में कम से कम दो बार पूरक आहार देने की आवश्यकता होती है. 9-24 महीने के बच्चे को दिन में कम से कम तीन बार तक बढ़ाने की आवश्यकता होती है.

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