Gastroparesis Causes : शारीरिक गतिविधियों की कमी, खराब जीवनशैली और गलत खान-पान की आदतों के कारण पिछले कुछ सालों में गैस्ट्रोपेरेसिस के मामले बढ़ रहे हैं. खास तौर पर बड़े शहरों में गैस्ट्रोपेरेसिस के मामले ज्यादा बढ़ रिपोर्ट हो रहे हैं. यह एक ऐसी स्थिति है जो पेट में नसों और मांसपेशियों को प्रभावित करती है. ETV Bharat ने बीमारी गैस्ट्रोपेरेसिस के कारणों, लक्षणों और इलाज के बारे में समझने के लिए मुंबई में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ग्लेनेगल्स हॉस्पिटल्स में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मेघराज इंगले से संपर्क किया.
Senior Consultant Dr. Meghraj Ingle कहते हैं, "जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए समय पर इलाज महत्वपूर्ण है. गैस्ट्रोपेरेसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें पेट में भोजन समय तक रुका रहता है, जिसे 'विलंबित गैस्ट्रिक खाली' करना (Delayed gastric emptying) भी कहा जाता है."
गैस्ट्रोपेरेसिस के लक्षण:
Dr. Meghraj Ingle के अनुसार इसके लक्षण हैं पेट में दर्द, भूख न लगना, सूजन, मतली और उल्टी, अचानक वजन कम होना, पेट भरा हुआ महसूस होना, असामान्य ब्लड शुगर का स्तर, कुपोषण, अपच, कब्ज. ब्लड शुगर
गैस्ट्रोपेरेसिस का कारण:
गैस्ट्रोपेरेसिस का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है. हालांकि, डॉ. इंगल के अनुसार डायबिटीज इस स्थिति के सबसे आम कारणों में से एक है. "यहां तक कि कुछ दवाइयों और सर्जरी से भी यह स्थिति हो सकती है."
गैस्ट्रोपेरेसिस के जोखिम
गैस्ट्रोपेरेसिस के कारण कैंसर, वायरल संक्रमण, सिस्टिक फाइब्रोसिस, ऑटोइम्यून रोग, पार्किंसंस रोग, थायरॉयड की समस्याएं और स्क्लेरोडर्मा जैसी बीमारियों का खतरा रहता है. "गैस्ट्रोपेरेसिस कई जटिलताओं को जन्म दे सकता है जैसे गंभीर निर्जलीकरण (पानी की कमी) क्योंकि लगातार उल्टी के परिणामस्वरूप निर्जलीकरण हो सकता है. कम भूख लगने से अपर्याप्त कैलोरी का सेवन हो सकता है, या उल्टी के कारण आपको आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने में कठिनाई हो सकती है. पेट में बिना पचा हुआ भोजन एक ढेर में जमा हो सकता है जो मतली और उल्टी को ट्रिगर कर सकता है. अगर यह ढेर भोजन को छोटी आंत में जाने से रोकता है तो ये गंभीर समस्या पैदा कर सकता है."
क्या गैस्ट्रोपेरेसिस डायबिटीज का कारण बन सकता है?
हालांकि गैस्ट्रोपेरेसिस अपने आप में डायबिटीज का कारण नहीं बनता है, लेकिन भोजन कितनी जल्दी और कितनी मात्रा में छोटी आंत में प्रवेश करता है, इसमें उतार-चढ़ाव के कारण ब्लड शुगर में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे डायबिटीज के लक्षण और भी गंभीर हो सकते हैं. खराब ब्लड शुगर प्रबंधन गैस्ट्रोपेरेसिस को और भी बदतर बना सकता है.