हैदराबाद:क्या आप ऐसे शख्स हैं जो एक गिलास मिल्क शेक या स्मूदी के साथ स्वादिष्ट मीट, चिकन और मछली खाने का शौक रखते हैं? तो यह खबर आपको पढ़नी चाहिए! क्या आपने कभी सोचा है कि बुजुर्गों ने हमें रात के खाने में चिकन या मटन खाने के बाद दूध पीने से क्यों मना करते थे? आज इस खबर के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे कि मांस-मछली खाने के बाद दूध पीना चाहिए या नहीं. इसके पीछे कुछ सच्चाई भी है या बस एक मिथ है. मांस-मछली खाने के बाद दूध पीना चाहिए कि नहीं, सदियों पुरानी इस मिथक को लेकर पीछे क्या है आयुर्वेद और साइंस, चलिए जानते हैं...
आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद के अनुसार दूध और मांस को एक साथ मिलाकर खाना गलत माना गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि हर भोजन में अलग-अलग ऊर्जा होती है. आयुर्वेद के अनुसार दूध और मांस को एक साथ या एक के बाद एक खाने से गैस, सूजन, पेट दर्द और जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यह एक अच्छा विचार नहीं है क्योंकि इन्हें एक साथ खाने से आपके शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे त्वचा की एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
अपने पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए सही वातावरण जरूरी है, जिससे आपके शरीर को पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद मिलती है. आयुर्वेद का यह भी कहना है कि इन सभी कारणों के बावजूद, यदि आप अभी भी अपने आहार में मांस और दूध दोनों को शामिल करना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इन दोनों प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन लगभग 2-3 घंटे के अंतराल पर हो. इससे भोजन से पोषक तत्वों के बेहतर पाचन और अब्जॉर्शन में मदद मिलती है.