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क्या एलोवेरा के सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल हो सकता है? वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

अपने उपचार गुणों के लिए जाना जाने वाला एलोवेरा जेल डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण साबित हो सकता है. वैज्ञानिकों का क्या है कहना जानें...

Can consuming aloe vera control blood sugar levels?
क्या एलोवेरा के सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल हो सकता है? वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला खुलासा (CANVA)

By ETV Bharat Health Team

Published : Oct 29, 2024, 12:59 PM IST

एलोवेरा जेल अपनी बहुगुणों के लिए मशहूर है. बहुत से घरों में एलोवेरा एक पारंपरागत औषधि मानी गई है और इससे संबंधित नुस्खे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक सांझा की है. इसमें कोई शक नहीं है कि एलोवेरा जेल विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो हीलिंग एजेंट के रूप में काम करता है. इसके अतिरिक्त, एलोवेरा जेल में पानी की मात्रा उच्च होता है, जिससे यह एक हाइड्रेटर बनता है.

एलोवेरा एक एसी जड़ी बूटी है जो संभावित रूप से डायबिटीज मैनेजमेंट में सहायता कर सकती है. एलोवेरा का गूदा अपने रेचक प्रभाव के लिए लोकप्रिय है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायता करता है. यह अग्नाशयी कोशिकाओं से इंसुलिन स्राव को प्रभावित कर सकता है. ब्लड शुगर लेवल को तुरंत कम करने के अलावा, ऐलोवेरा जेल शरीर को अन्य लाभ भी प्रदान करते हैं, जैसे कि इम्यून फंक्शन को बढ़ावा देना,डैमेज सेल्स को फिर से जीवंत करना और विभिन्न जीवनशैली से संबंधित बीमारियों को दूर करना आदि...

एलोवेरा जूस को प्राकृतिक रूप से डायबिटीज कंट्रोल करने में प्रभावी पाया गया है, लेकिन इस बात पर सबूत विभाजित हैं कि क्या यह रोग के लिए अनुशंसित उपचार है. कुछ अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि एलोवेरा फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल, ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन A1c (HbA1c) और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन यह हाई डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन-कोलेस्ट्रॉल (HDL-C) के लेवल को भी बढ़ा सकता है. हालांकि, यह डायबिटीज रोगियों के लिए समस्याग्रस्त हो सकता है क्योंकि इसे ब्लड शुगर कम करने वाली दवाओं के साथ मिलाने से ब्लड शुगर लेवल खतरनाक रूप से कम हो सकता है.

शोध क्या कहता है
प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि एलोवेरा जूस का सेवन ब्लड शुगर लेवल को बेहतर बनाने में मदद कर सकता हैऔर इसलिए मधुमेह वाले लोगों के इलाज में उपयोगी हो सकता है. एलो को इनसे भी जोड़ा गया है... खून में इन अणुओं के असामान्य रूप से हाई लेवल वाले रोगियों में रक्त लिपिड (फैट) में कमी (उदाहरण के लिए टाइप 2 मधुमेह वाले कुछ लोग) और तीव्र हेपेटाइटिस (यकृत रोग) सूजन में कमी और घावों का तेजी से ठीक होना. पैर के घाव और अल्सर मधुमेह की आम जटिलताएं हैं, और आमतौर पर स्वस्थ गैर-मधुमेह व्यक्तियों की तुलना में उन्हें ठीक होने में अधिक समय लगता है. इन सकारात्मक प्रभावों को लेक्टिन, मैनन और एंथ्राक्विनोन जैसे यौगिकों की उपस्थिति के कारण माना जाता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि डायबिटीज मरीजों के लिए ऐलोवेरा कितना सुरक्षित है इसपर अभी और शोध की आवश्यकता है, 2016 में, शोधकर्ताओं की एक टीम ने कई शोध अध्ययनों की समीक्षा की, जिसमें मधुमेह और प्रीडायबिटीज वाले लोगों में एलोवेरा के उपयोग की जांच की गई थी. उनमें से कुछ अध्ययनों ने मधुमेह वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण फैक्टर्स पर एलोवेरा के प्रभाव को देखा. फिलहाल, शोधकर्ता लोगों को उनके हाई ब्लड शुगर के लेवल को कम करने और उनके डायबिटीज को नियंत्रण में रखने में मदद करने के लिए एलोवेरा की क्षमता पर शोध कर रहे हैं.

वैज्ञानिकों के मुताबिक, एलोवेरा निम्न को कम करने में मदद कर सकता है

फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल (FBG)

हीमोग्लोबिन A1c (HbA1c), जो आपके रेड ब्लड सेल में हीमोग्लोबिन से जुड़ी ब्लड शुगर की मात्रा का 3 महीने का औसत दिखाता है

अब तक की रिपोर्ट यह है कि एलोवेरा का ग्लाइसेमिक कंट्रोल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

https://www.diabetes.co.uk/natural-therapies/aloe-vera.html#google_vignette

https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0975947622001346

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC10640789/

https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC3857397/

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