लखनऊ : समय पर ब्लड टेस्ट से डॉक्टरों को दिल के दौरे के खतरे की जांच करने में मदद मिल सकती है. इससे यह भी पता लगाया जा सकता है कि सिर की चोट कितनी गंभीर हो सकती है, जिससे आपातकालीन कक्ष में समय कम लगेगा और सीटी स्कैन से विकिरण का कोई जोखिम नहीं होगा.
रविवार को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में जारी चिकित्सा कार्यक्रम पैथोलॉजी अपडेट में इस नए दृष्टिकोण पर चर्चा की गई. विशेषज्ञों ने कहा कि दिल के दौरे के लिए, डॉक्टरों के पास पहले से ही ट्रोपोनिन I (ट्रॉप I) नामक एक सरल ब्लड टेस्ट है. रूस और अमेरिका में अध्ययनों से यह पता चला है परीक्षण न केवल दिल के दौरे का निदान करने में मदद करता है बल्कि भविष्य में इसके होने के जोखिम का भी संकेत दे सकता है.
34 से ऊपर ट्रोपोनिन I का स्तर आमतौर पर दिल का दौरा होता है. हालांकि, 12 से ऊपर का स्तर बढ़े हुए जोखिम का संकेत दे सकता है. आदर्श रूप से, स्वस्थ हृदय के लिए स्तर 6 से नीचे होना चाहिए, जबकि 6-11 थोड़ा जोखिम का संकेत देता है. स्वस्थ हृदय के लिए महिलाओं के लिए परीक्षण मान 4, हल्के जोखिम के लिए 5-9 और उच्च जोखिम के लिए 10 से अधिक हैं.
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज भल्ला ने कहा: 'मधुमेह, उच्च रक्तचाप वाले लोग, अधिक वजन वाले लोग, या दिल का दौरा पड़ने के इतिहास वाले लोगों को हर छह महीने में इन स्तरों की जांच करानी चाहिए.' मस्तिष्क चोट विशेषज्ञ, डॉ. केतन पटेल ने बताया कि सिर की चोटें बहुत भिन्न हो सकती हैं - जीवन के लिए खतरा से लेकर बिना किसी स्थायी क्षति के हल्के उभार तक.