Acupressure acupuncture : बढ़ती उम्र के साथ हाथ, पांव, घुटनों और जोड़ों में दर्द एक आम समस्या बन जाती है. यह दर्द रोजमर्रा के कामकाज में बाधा डालता है और जीवन को असहज बना देता है. इस दर्द के पीछे आर्थराइटिस, मांसपेशियों की कमजोरी, और जोड़ों का घिसना जैसे कारण हो सकते हैं. इस तरह की समस्याओं के निदान या प्रबंधन में दवाओं के साथ फिजिकल थेरेपी भी काफी लाभकारी हो सकती है. जानकारों की मानें तो इन तरह की समस्याओं में एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर काफी मददगार हो सकती हैं. क्या है एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर
एक्यूप्रेशर: एक्यूप्रेशर एक प्राचीन चीनी चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर के विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डालकर उपचार किया जाता है. यह माना जाता है कि शरीर के इन बिंदुओं पर दबाव डालने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सही होता है और दर्द में राहत मिलती है. एक्यूप्रेशर के लिए किसी प्रकार की सुई या उपकरण की जरूरत नहीं होती, सिर्फ उंगलियों से दबाव डालकर यह उपचार किया जाता है.
एक्यूपंक्चर: एक्यूपंक्चर भी एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसमें बारीक सुइयों का उपयोग करके शरीर के विशिष्ट बिंदुओं पर चुभन दी जाती है. यह माना जाता है कि इससे शरीर में ऊर्जा का संतुलन ठीक होता है और दर्द व कई अन्य समस्याओं में भी में राहत मिलती है. एक्यूपंक्चर की विधि प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा ही की जाती है.
कैसे करते हैं ये उपचार काम?
इंदौर के होम्योपैथिक चिकित्सक तथा एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट डॉ हेमंत सावरकर बताते हैं कि एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर दोनों उपचार पद्धतियां अलग-अलग होती हैं तथा अलग-अलग तरीकों से की जाती हैं , लेकिन दोनों का उद्देश्य शरीर में 'क्यूई' यानी जीवन ऊर्जा के प्रवाह को सही करना होता है. इन दोनों ही विधाओं में माना जाता है कि शरीर में कई प्रकार के दर्द या समस्या के लिए 'क्यूई' यानी जीवन ऊर्जा के प्रवाह बाधित होना कारण होता है. ऐसे में एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर दोनों ही शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को सही व निरंतर करने में मदद कर सकते हैं. इन दोनों ही उपचार पद्धतियों से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है जिससे मांसपेशियों में तनाव कम होता है और दर्द में राहत मिलती है.
दरअसल इन दोनो ही पद्धतियों में क्यूई को जीवन शक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है जो हमारे शरीर के चारों ओर 14 चैनलों या मेरिडियन में घूमती है. इन दोनों पद्धतियों में जिन बिंदुओं पर दबाव डाल जाता है या सुई का उपयोग किया जाता है उन्हे दबाव बिन्दु या एक्यूप्वाइंट कहा जाता है. इन दोनों विधाओं के थेरेपिस्ट इन दबाव बिंदु या एक्यूप्वाइंट पर सुई की मदद से या दबाव देकर "क्यूई" के प्रवाह को मुक्त व सुचारू करने में मदद करते हैं.