कोलकाता :बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर राहुल मुखर्जी पर हाल ही में 3 तीन साल का बैन लगा था. डायरेक्टर पर यह बैन फेडरेशन ऑफ सिने टेक्नीशियन एंड वर्कर्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया (FCTWEI)ने लगाय था. डायरेक्टर पर से यह बैन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद हटाया गया है. दरअसल, टेक्निशियंस ने डायरेक्टर राहुल के साथ काम करने इनकार कर दिया था, जिसके बाद यह पूरा विवाद खड़ा हुआ था. वहीं,डायरेक्टर के सपोर्ट में कई कलाकार हड़ताल पर बैठ गए थे. एक हफ्ते तक चले इस ड्रामे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप करने के बाद अब विराम लग चुका है. वहीं, डायरेक्टर ने दो दिन से रुकी फिल्म की शूटिंग आज बुधवार को जारी कर दी है.
मुख्यमंत्री ने सभी दलों को इस मामले पर संज्ञान लेने को कहा. बता दें, दो दिन हड़ताल की वजह से बंगला टीवी इंडस्ट्री के श्रमिकों पर बड़ा आर्थिक प्रभाव पड़ा है. बता दें, बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के मुकाबले बांगला टीवी इंडस्ट्री पैसों के मामले में बेहद पिछड़ी हुई है. वहीं, टेलीविजन कलाकारों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि क्यों हमेशा मुख्यमंत्री को ही सभी मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ता है?
इस मामले में एक्टर और आर्टिस्ट फोरम मेंबर दिगांत बाग्ची ने कहा है, हमनें कभी नहीं चाहा शूटिंग रुके, हालांकि अब शूटिंग शुरू हो चुकी है तो, इसमें भी कोई खुशी की बात नहीं है, सवाल सिर्फ एक है कि यह रुकी क्यों थीं? टीवी वाले बहुत कम लोगों के साथ बहुत कम पैसों में काम करते हैं, हमारी दैनिक कमाई ही सबकुछ है, दो दिन तक कोई शूट नहीं हुआ, इससे हमारी जेब पर बड़ा असर पड़ा है.
उन्होंने आग कहा, पहले सीरियल सालभर तक चलते थे, जिसकी वजह से हमें भी पैसों के लिए ज्यादा नहीं सोचना पड़ता था, अब सीरियल कब फ्लॉप हो जाए या कितने दिन तक चलेगा कुछ पता नहीं होता है, हमारे साथ यह भी समस्या है कि एक काम खत्म होने के बाद दूसरा काम मिलेगा या नहीं, इसलिए काम नहीं रुकना चाहिए.
आर्टिस्ट फोरम के एक और मेंबर सुदीप मुखर्जी ने कहा, किसी भी समस्या के लिए हमें बार-बार क्यों सीएम के पास जाना पड़ा रहा है? क्या हम अभी भी समझदार नहीं हैं, जो सीएम को हमारी समस्याएं सुलझानी पड़ रही हैं, इसलिए यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि आखिर कैसे हमें आगे के लिए निपटना है, मुझे लगता है कि सिस्टम में सुधार की जरुरत है.
आर्टिस्ट फोरम के एक और मेंबर भारत कौल ने कहा, ये दो दिन जो हमारा नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा, अगर फोरम में 4 हजार वर्कर्स हैं, तो इसमें से 90 फीसदी की रोजी-रोटी टेलीविजन इंडस्ट्री से चलती है, कोई भी इस पर बात नहीं करता है, ये लोग डेलीवेज मजदूर की तरह काम कर रहे हैं, जब शूटिंग में बाधा आती है तो कोई नहीं जानना चाहता है कि वे क्या चाहते हैं, ज्यादातर कलाकारों का परिवार इसी काम से पल रहा है, और कईयों को इसी काम के लिए जरिए अपनी बड़ी जिम्मेदारियों को पूरा करना है, तो बिना इन कलाकारों के बारे में सोचे बिना क्यों बार-बार शूटिंग में बाधा आ रही है? . यह फेडरेशन का काम नहीं है.