नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नए मसौदा दिशानिर्देशों में सुझाव दिया गया है कि अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रिक्तियां इन श्रेणियों के पर्याप्त उम्मीदवार नहीं आने की स्थिति में अनारक्षित घोषित की जा सकती हैं. यूजीसी के नए मसौदा दिशानिर्देशों में यह जानकारी दी गई है.
इस संबंध में यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने अपने बयान में कहा है कि यह स्पष्ट करना है कि अतीत में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों (सीईआई) में आरक्षित श्रेणी के पदों का कोई आरक्षण नहीं हुआ है और ऐसा कोई आरक्षण नहीं होने जा रहा है. उन्होंने कहा है कि यह है सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आरक्षित श्रेणी के सभी बैकलॉग पद ठोस प्रयासों के माध्यम से भरे जाएं.
बता दें कि 'उच्च शिक्षा संस्थानों में भारत सरकार की आरक्षण नीति के कार्यान्वयन के लिए दिशा-निर्देश' हितधारकों की आपत्ति और सुझाव के खातिर सार्वजनिक किए गए हैं. मसौदा दिशा-निर्देश में कहा गया, 'अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रिक्तियां संबंधित उम्मीदवार के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार द्वारा नहीं भरी जा सकती.'
यह भी कहा गया, 'हालांकि, एक आरक्षित रिक्ति को अनारक्षण की प्रक्रिया का पालन करके अनारक्षित घोषित किया जा सकता है, जिसके बाद इसे अनारक्षित रिक्ति के रूप में भरा जा सकता है.' लेकिन साथ ही कहा गया है कि सीधी भर्ती के मामले में आरक्षित रिक्तियों को अनारक्षित घोषित करने पर प्रतिबंध है.