हैदराबाद: इंडक्टस की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इंडियन ग्लोबल कैपबिलिटी सेंटर इंडस्ट्री (जीसीसी) 2025 तक 3.64 लाख नई नौकरियां सृजित करने के लिए तैयार है. 15 फीसदी की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर के साथ जीसीसी देश की आर्थिक और तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनता जा रहा है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में वर्तमान में 1800 से अधिक जीसीसी हैं. ये दुनिया के कुल जीसीसी का आधा से अधिक है. उल्लेखनीय रूप से पिछले साल हर हफ्ते नए जीसीसी ने अच्छे प्रदर्शन गए. फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से लगभग 60 फीसदी अब जीसीसी के माध्यम से काम करती है जो उनके वैश्विक महत्व को और पुख्ता करता है.
वर्ष 2030 तक भारत में जीसीसी का बाजार मूल्य 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ जाने का अनुमान है. इसमें स्थानीय विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए परिचालन लागत को कम करने के लिए भारत के टू और टियर 3 शहरों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा.
टैलंट गैप चैलेंज
जीसीसी के तेजी से विस्तार के बावजूद प्रतिभा की कमी बहुत बड़ी है. जबकि भारतीय कॉलेजों से हर साल 1.5 मिलियन इंजीनियरिंग स्नातक निकलते हैं. 50 फीसदी जीसीसी कुशल पेशेवरों की कमी की रिपोर्ट करते हैं. यह बेमेल शैक्षणिक पाठ्यक्रम और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच अंतर को रेखांकित करता है. इस समस्या से निपटने के लिए रिपोर्ट में शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और सरकार के बीच सक्रिय सहयोग का सुझाव दिया गया है.
सुधार के लिए सिफारिशें
पाठ्यक्रम सुधार
जीसीसी की जरूरतों को पूरा करने के लिए शैक्षणिक सामग्री को तैयार करना.
नौकरी को लेकर प्रशिक्षण
आईटी कंपनियों को छात्रों के लिए प्रमाणन और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने चाहिए.
इंटर्नशिप अनिवार्य
शैक्षणिक संस्थानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्र जीसीसी में इंटर्नशिप के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें.
जी.सी.सी. के विकास को बनाए रखने और उसमें तेजी लाने के लिए रिपोर्ट में कई कार्रवाई योग्य कदमों की रूपरेखा दी गई है.
नवाचार को बढ़ावा देना
सरकारों को ए.आई., क्वांटम कंप्यूटिंग और उभरती प्रौद्योगिकियों का समर्थन करने वाली नीतियां पेश करनी चाहिए.