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विकास की राह पर जीसीसी, 2025 में 3.64 लाख नई नौकरियों की उम्मीद - GCCS NEW JOBS

ग्लोबल कैपैबिलिटी सेंटर आइटी सपोर्ट, कस्टमर सर्विस, फाइनेंस, एचआर और रिसर्च एंड डेवलपमेंट क्षेत्र की नौकरियों पर ध्यान केंद्रित करती है.

GCCs on a Growth
विकास की राह पर जीसीसी (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat Telangana Desk)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 4, 2025, 11:21 AM IST

हैदराबाद: इंडक्टस की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इंडियन ग्लोबल कैपबिलिटी सेंटर इंडस्ट्री (जीसीसी) 2025 तक 3.64 लाख नई नौकरियां सृजित करने के लिए तैयार है. 15 फीसदी की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर के साथ जीसीसी देश की आर्थिक और तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनता जा रहा है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में वर्तमान में 1800 से अधिक जीसीसी हैं. ये दुनिया के कुल जीसीसी का आधा से अधिक है. उल्लेखनीय रूप से पिछले साल हर हफ्ते नए जीसीसी ने अच्छे प्रदर्शन गए. फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से लगभग 60 फीसदी अब जीसीसी के माध्यम से काम करती है जो उनके वैश्विक महत्व को और पुख्ता करता है.

वर्ष 2030 तक भारत में जीसीसी का बाजार मूल्य 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ जाने का अनुमान है. इसमें स्थानीय विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए परिचालन लागत को कम करने के लिए भारत के टू और टियर 3 शहरों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा.

टैलंट गैप चैलेंज
जीसीसी के तेजी से विस्तार के बावजूद प्रतिभा की कमी बहुत बड़ी है. जबकि भारतीय कॉलेजों से हर साल 1.5 मिलियन इंजीनियरिंग स्नातक निकलते हैं. 50 फीसदी जीसीसी कुशल पेशेवरों की कमी की रिपोर्ट करते हैं. यह बेमेल शैक्षणिक पाठ्यक्रम और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच अंतर को रेखांकित करता है. इस समस्या से निपटने के लिए रिपोर्ट में शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और सरकार के बीच सक्रिय सहयोग का सुझाव दिया गया है.

सुधार के लिए सिफारिशें

पाठ्यक्रम सुधार

जीसीसी की जरूरतों को पूरा करने के लिए शैक्षणिक सामग्री को तैयार करना.

नौकरी को लेकर प्रशिक्षण
आईटी कंपनियों को छात्रों के लिए प्रमाणन और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने चाहिए.

इंटर्नशिप अनिवार्य
शैक्षणिक संस्थानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्र जीसीसी में इंटर्नशिप के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें.

जी.सी.सी. के विकास को बनाए रखने और उसमें तेजी लाने के लिए रिपोर्ट में कई कार्रवाई योग्य कदमों की रूपरेखा दी गई है.

नवाचार को बढ़ावा देना
सरकारों को ए.आई., क्वांटम कंप्यूटिंग और उभरती प्रौद्योगिकियों का समर्थन करने वाली नीतियां पेश करनी चाहिए.

टियर 2 और 3 शहरों के लिए प्रोत्साहन
कर लाभ और सब्सिडी जीसीसी को छोटे शहरों की ओर ले जा सकती हैं. इससे शहरी भीड़भाड़ कम होगी.

कौशल विकास कार्यक्रम
भविष्य की प्रौद्योगिकियों में कार्यबल को बेहतर बनाने के लिए उद्योगों और संस्थानों के बीच सहयोगात्मक पहल.

कॉर्पोरेट डिजाइन प्रशिक्षण
उद्योगों को नवाचार लक्ष्यों के साथ संरेखित विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करने चाहिए.

जीसीसी के लिए भारत की अपील
भारत के प्रमुख तकनीकी केंद्रों में शामिल हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, चेन्नई, मुंबई और नोएडा- वैश्विक दिग्गजों को आकर्षित करना जारी रखा है. इस प्राथमिकता को बढ़ावा देने वाले कारकों में नीचे दिए गए कारक शामिल हैं.

वैश्विक तकनीकी केंद्रों की तुलना में 40-70फीसदी की लागत बचत. हैदराबाद, जयपुर और पुणे जैसे शहरों में प्रतिस्पर्धी रियल एस्टेट और उपयोगिता व्यय. तेलंगाना, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों द्वारा जीसीसी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सक्रिय नीतियां. गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजॉन जैसे प्रमुख खिलाड़ी अपने जीसीसी परिचालन का तेजी से विस्तार कर रहे हैं.

जीसीसी में उभरते रुझान

डिजिटल फोकस
नए जीसीसी एआई मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स को प्राथमिकता देते हैं.

विशेषज्ञता की मांग
साइबर सुरक्षा पेशेवरों को प्रति वर्ष औसतन 9.57 लाख रुपये की शुरुआती वेतन मिलते हैं.

आकर्षक प्लेसमेंट
एआई और डेटा साइंस स्नातक पारंपरिक आईटी भूमिकाओं में काम करने वालों की तुलना में 30 फीसदी अधिक वेतन पाते हैं.

अमेरिका का वर्चस्व
जीसीसी प्रतिनिधित्व में अमेरिका सबसे आगे है. भारत में लगभग 1250 केंद्र हैं.

भारत का जीसीसी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो रहा है. ये प्रौद्योगिकी और नवाचार में वैश्विक नेता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है. रणनीतिक निवेश और नीति समर्थन के साथ यह क्षेत्र देश के आर्थिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है.

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