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बिहार में शिक्षकों के लिए क्या है तबादला नीति, आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी ? हर सवाल का जवाब देती यह रिपोर्ट पढ़ें - Bihar Education Department

Bihar Teacher Transfer Policy : एक चर्चा आजकल बिहार में जोरों से चल रही है, वो है शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी. हम आपको आगे बताने जा रहे हैं कि आखिर इसकी क्यों जरूरत पड़ी और ये पूरा मामला है क्या? पढ़ें...

बिहार शिक्षकों के लिए तबादला नीति
बिहार शिक्षकों के लिए तबादला नीति (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 11, 2024, 10:11 PM IST

पटना :बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर की नीति को लेकर बनी कमेटी की आज पहली बैठक हुई. विभागीय अधिकारियों की मानें तो इसी महीने पॉलिसी तैयार हो जाएगी. शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षकों के स्थानांतरण और सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों के पदस्थापन जैसे मुद्दों के संबंध में निर्णय लिए जाएंगे.

तबादला नीति पर रिपोर्ट देगी कमेटी : जानकारी के अनुसार, शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में गठित कमेटी इन मामलों के अलावा अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति, अवकाश तालिका के निर्माण और बिहार शिक्षा सेवा के कैडर के पुनर्गठन पर भी रिपोर्ट देगी. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी है.

ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने की मांग :बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने बताया कि किसी भी सेवा में इसका एक कैडर होता है. जिसके माध्यम से कार्यरत कर्मियों के प्रमोशन और ट्रांसफर की पॉलिसी निर्धारित होती है. नियोजित शिक्षकों की लंबे समय से ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने की मांग थी, जिसके बाद साल 2020 में ट्रांसफर पॉलिसी लाया गया. इस ट्रांसफर पॉलिसी में महिलाओं और दिव्यांगों के लिए ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान था.

''राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनने के बाद ही स्थानांतरण की शर्त रखी. राज्य कर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया. लेकिन इसी बीच साल 2020 की ट्रांसफर पॉलिसी को खत्म कर दिया गया.''- अमित विक्रम, अध्यक्ष, बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ

अमित विक्रम (Etv Bharat)

सचिव को लिखा है खत :अमित विक्रम ने बताया कि विभिन्न शिक्षक संगठन लंबे समय से स्थानांतरण नीति लागू करने की मांग कर रहे हैं. नई ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से 2 जुलाई को कमेटी बनाई गई है. उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव को ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर कई सुझाव भी दिए हैं और इस पत्र के माध्यम से प्रेषित किया है. उन्होंने पत्र में बताया है कि नियोजित शिक्षकों के लिए आयोजित सक्षमता परीक्षा का परिणाम आए हुए 4 माह बीत चुका है परंतु अभी तक उनका स्थानांतरण एवं विद्यालय आवंटन नहीं हो सका है. इस वजह से 1.8 लाख अब तक राज्य कर्मी बनने से वंचित हैं.

सुधार की है जरूरत :हजारों नियोजित शिक्षक एवं विशेषकर शिक्षिकाएं वर्षों से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं. 2020 में बनी नियमावली में भी ऐच्छिक स्थानांतरण का विकल्प था लेकिन उसे भी किन्हीं कारणों से लागू नहीं किया जा सका. अमित विक्रम ने कहा कि इन सब के बावजूद अब राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 लागू होगी, जिसमें कुछ सुधार की आवश्यकता है.

क्या है मांगे ? :-

  1. सक्षमता परीक्षा पास सभी नियोजित शिक्षकों को परीक्षा परिणाम प्रकाशित होने की तिथि से ही सेवा निरंतरता का लाभ देते हुए राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए.
  2. जिस प्रकार से सभी नियोजित शिक्षकों को तीन जिलों का चयन करने हेतु विकल्प दिया गया था. उसी प्रकार से विद्यालय आवंटन हेतु प्राप्त जिला अंतर्गत तीन प्रखंडों का विकल्प चुनने का अवसर दिया जाए.

विद्यालय आवंटन में केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री आफ लेबर एंड एंप्लॉयमेंट के गाइडलाइंस का भी ध्यान रखा जाए एवं निम्न कोटि के शिक्षकों को ऐच्छिक स्थानांतरण/पदस्थापन में प्राथमिकता दी जाए:-

  • 40% से अधिक विकलांगता से ग्रसित
  • सिंगल पैरेंट ( परित्यक्त/विधवा/विधुर)
  • आश्रित या स्वयं असाध्य रोग से ग्रस्त
  • पति - पत्नी दोनों सेवारत हों
  • अपने गृह जिले से दूर कार्यरत शिक्षिका
  • इसके अतिरिक्त सभी कोटि एवं वर्ग के शिक्षकों के लिए पारस्परिक स्थानांतरण की भी सुविधा दी जाए.

जल्द तैयार होगा ट्रांसफर पॉलिसी का गाइडलाइन :वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि दो से तीन सप्ताह में शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी का गाइडलाइन तैयार हो जाएगा. इसके लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है और कमेटी ने काम भी करना शुरू कर दिया है. इस माह के अंत तक या नए महीने की शुरुआत में कमेटी की रिपोर्ट आ जाएगी.

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार (ETV Bharat)

''रिपोर्ट आने के बाद सरकार की योजना है कि इसी साल शिक्षकों का तबादला संभव हो सके. ट्रांसफर में जरूरतमंद शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी. पति पत्नी अलग-अलग जगह पर यदि शिक्षक हैं तो किसी एक जगह पर दोनों आ जाएं, इस दिशा में काम होगा. इसके अलावा दिव्यांग शिक्षकों को भी ट्रांसफर में प्राथमिकता रहेगी.''- सुनील कुमार, शिक्षा मंत्री, बिहार

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