नई दिल्ली:राज्य सरकार द्वारा संचालित दिल्ली स्किल ऐंड आंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (डीएसईयू) ने नए सेशन 2024-25 से फीस में बढ़ोत्तरी की है. इस पर स्टूडेंट्स ने ऐतराज जताया है. विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने फीस बढ़ोतरी को मंजूरी दी है और यह भी तय किया गया है कि अब से हर साल 10 प्रतिशत फीस बढ़ाई जाएगी. विद्यार्थियों का कहना है कि नए सत्र से कई कोर्स की फीस दोगुनी-तीन गुनी कर दी गई है. वहीं, दिल्ली सरकार के इस विश्वविद्यालय का कहना है कि फीस में 10 से 20 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है. कुछ एक कोर्स में यह 30 प्रतिशत तक पहुंची है.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए फीस बढ़ाना जरूरी
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक नगावत का कहना है कि विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बनाए रखने के लिए फीस बढ़ाना जरूरी हो गया था क्योंकि कई कोर्स को चलाने के लिए कई संसाधन चाहिए. मई में अकादमिक परिषद की बैठक में काफी चर्चा के बाद फीस में वृद्धि करने का फैसला लिया है. हालांकि, अगर बाकी सरकारी संस्थानों से तुलना की जाए तो फीस अब भी उन सबसे कम है.
प्रो. नगावत का कहना है कि विश्वविद्यालय के कोर्स प्रैक्टिकल और लैब वर्क पर आधारित हैं, जिसके लिए हाई क्वॉलिटी संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है. सरकार से मिलने वाले अनुदान और उद्योगों से मिलने वाले सहयोग के आधार पर ही हम फीस तय करते हैं. सरकार से मिलने वाला अनुदान ज्यादा होगा, कई कोर्स चलाने के लिए औद्योगिक सहयोग ज्यादा होगा तो हमें फीस बढ़ाने की जरूरत नहीं होगी.