नई दिल्ली: अमेरिकी न्याय विभाग ने अडाणी समूह के संस्थापक गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और अडाणी ग्रीन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनके खिलाफ अमेरिकी निवेशकों को धोखा देने और सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट ने गौतम अडाणी को सोलर कॉन्ट्रैक्ट के लिए 2100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को गुमराह करने का आरोपी माना है.
यह अमेरिकी संघीय प्रतिभूति कानून के तहत धोखाधड़ी है और अगर साबित हो जाता है, तो आपराधिक दायित्व हो सकते हैं. लेकिन सवाल अब यह है कि ये इंडिक्टमेंट है क्या, जिसका जिक्र अडाणी के साथ किया जा रहा है?
अडाणी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वह सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन कर रहा है.
इंडिक्टमेंट क्या है? इंडिक्टमेंट एक औपचारिक कानूनी दस्तावेज है, जो किसी व्यक्ति या संस्था पर विशिष्ट अपराधों का आरोप लगाता है. यह कथित उल्लंघनों, साक्ष्य और कानूनी ढांचे को रेखांकित करता है जिसके तहत आरोप लगाए जा रहे हैं. हालांकि, यह दोषसिद्धि नहीं है, और अभियुक्त तब तक निर्दोष रहता है जब तक कि अदालत में दोषी साबित न हो जाए.
इंडिक्टमेंट का अर्थ होता है - अभियोग. यह एक लिखित आरोप है. जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया जाता है, उसके खिलाफ अभियोग लगाया जाता है. जो आरोप लगाता है, वे अपने समर्थन में दस्तावेज जमा करते हैं. इन आरोपों की प्राथमिक जांच होती है. उसके बाद पुलिस के सामने जो भी साक्ष्य उपलब्ध होते हैं, उसे सरकारी अभियोजक को सौंप दिया जाता है. अमेरिकी कानून कहता है कि यदि ये आरोप गंभीर किस्म के हैं, तो वह ग्रैंड जूरी के सामने पहल कर सकती है. ग्रैंड जूरी में अधिकतम 23 लोग शामिल हो सकते हैं.
गौतम अडाणी के खिलाफ अमेरिकी इंडिक्टमेंट ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि अमेरिकी कोर्ट सिस्टम इस तरह के आरोपों को कैसे देखती है. फेडरल इंडिक्टमेंट, जैसे कि अडाणी से जुड़ा हुआ, एक ग्रैंड जूरी द्वारा लगाया गया औपचारिक आरोप है. यह दिखाता है कि इंडिक्टमेंट ने आपराधिक कार्यवाही को उचित ठहराने के लिए पर्याप्त सबूत दिए हैं, जो रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी या अन्य संघीय अपराधों जैसे कथित उल्लंघनों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है.