नई दिल्ली:दुनिया में सोने के सबसे बड़े यूजर में से एक भारत है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के अनुसार, 1987 और 2016 के बीच भारत की सोने की वार्षिक मांग में 804 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसका यूज गोल्ड लोन के लिए कोलेटरल के रूप में किया जा सकता है, जिसका उपयोग अक्सर कम समय और अधिक समय दोनों उद्देश्यों के लिए पैसे ले सकते हैं. असल में गोल्ड लोन में जरूरत पड़ने पर पैसा पाने का सबसे सरल और जल्दी मिलने वाला तरीका है.
गोल्ड लोन जिसे सोने के बदले लिया या दिया जाता है. गोल्ड लोन एक सुरक्षित लोन है, जो लेंडर द्वारा अपने सोने के समान (18-24 कैरेट की सीमा के भीतर) के बदले पैसे मिलते है. इस प्रोसेस में आपको पैसे के बदले सोने कोगिरवी रखना होता है. दी की गई लोन राशि सोने का एक निश्चित फीसदी है, आमतौर पर 80 फीसदी तक, जो वर्तमान बाजार मूल्य और सोने की गुणवत्ता पर आधारित है.
गोल्ड लोन लेने के क्या फायदे हैं?
गोल्ड लोन आपकी तत्काल वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में व्यक्तिगत लोन के समान है, चाहे वह अंतरराष्ट्रीय शिक्षा हो, शादी का खर्च हो, चिकित्सा आपात स्थिति को कवर करना हो या कोई अन्य व्यक्तिगत उपयोग हो.
- क्विक डिसबर्समेंट- न्यूनतम डॉक्युमेंटेशन से इसकी सुरक्षित नेचर के कारण गोल्ड लोन की प्रोसेसिंग तेजी से होती है.
- यूज करने में फ्लेक्सिबल-गोल्ड लोन काफी फ्लेक्सिबल माना जाता है. यह आपको किसी भी प्रकार के खर्च के लिए लोन का यूज करने की लचीलापन देता है.
- सिक्योर्ड लोन टाइप-गिरवी रखे गए सोने के आभूषणों के अलावा लेंडर को कोई अन्य सुरक्षा/कोलेटरल जमा करने की आवश्यकता नहीं है.
- कम ब्याज दर-व्यक्तिगत लोन की तुलना में सोने के लोन पर ब्याज दरें कम होती हैं, क्योंकि सोना कोलेटरल के रूप में काम करता है.
गोल्ड के बदले बैंक कितने पैसे देता है?
आमतौर पर, अधिकांश बैंक सोने के मौजूदा बाजार मूल्य के 75 फीसदी के अधिकतम लोन-मूल्य अनुपात पर गोल्ड लोन देते हैं. इसलिए, अगर आप 100,000 रुपये का सोना गिरवी रखते हैं तो आपको मिलने वाली अधिकतम लोन राशि 75,000 रुपये मिलेगी.
किस तरह के सोने को बैंक लेता है?
गोल्ड लोन कैसे काम करता है इसके बारे में एक और आवश्यक बात जो आपको जानना आवश्यक है वह है स्वीकार किए जाने वाले सोने का प्रकार. अधिकांश बैंक केवल सोने के आभूषण ही स्वीकार करते हैं. साथ ही, कोलेटरल के रूप में दिए गए सोने की प्योरिटी 18K और 22K के बीच होनी चाहिए.