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EPF, PPF और GPF में अंतर क्या है? जानें किसमें खाता खुलवाना आपके लिए है फायदेमंद - EPF vs PPF vs GPF

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 14, 2024, 4:08 PM IST

Difference Between EPF PPF and GPF बचत किसी भी व्यक्ति की वित्तीय स्थिति को मजबूत करती है और यह भविष्य में या रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है. इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने भविष्य निधि (PF) की शुरुआत की है. पीएफ तीन प्रकार के हैं- सामान्य भविष्य निधी (GPF), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), और लोक भविष्य निधि (PPF). इनमें कुछ अंतर भी हैं, जिनको समझना जरूरी है.

What is difference between EPF, PPF, and GPF
EPF, PPF और GPF में अंतर क्या है? (Getty Images)

हैदराबाद: भारत सरकार नौकरीपेशा लोगों के लिए भविष्य निधि के रूप में कई योजना संचालित कर रही है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा देना है. कर्मचारियों को नौकरी के दौरान इन योजनाओं में अंशदान के रूप में निवेश करना होता है. रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को एकमुश्त रकम मिल जाती है, जिससे वे खुशहाल जीवन जी सकते हैं.

भविष्य निधि योजनाओं में मुख्य रूप से, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सामान्य भविष्य निधि (GPF) और लोक भविष्य निधि (PPF) शामिल हैं. कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए ये योजनाएं हैं. कर्मचारी को हर महीने वेतन का एक हिस्सा भविष्य निधि खाते में अंशदान के रूप में जमा करना पड़ता है. सरकार हर साल जमा भविष्य निधि पर एक निर्धारित ब्याज भी देती है.

कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ क्या है?
कर्मचारी भविष्य निधि योजना निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए है. केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय के अधीन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा इसका संचालन किया जाता है. कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 के तहत अगर किसी कंपनी या कॉर्पोरेट संस्था में 20 से अधिक कर्मचारी है, तो उन्हें अपने कर्मचारियों को ईपीएफ और अन्य सेवानिवृत्ति लाभ देना जरूरी है.

नियम के अनुसार, हर कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी (मूल वेतन) और महंगाई भत्ता का 12 प्रतिशत हिस्सा (जिसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये तय की गई है) हर महीने भविष्य निधि खाते में जमा करना होता है और कंपनी को भी उतनी ही राशि कर्मचारी के खाते में डालनी पड़ती है. कंपनी की अंशदान राशि 12 प्रतिशत का 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में जमा होता है, और बाकी 3.67 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफ में जाता है.

हालांकि, सरकार ने हाल ही नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए ईपीएफ योगदान को घटाकर 10% कर दिया है. वहीं, सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ के लिए ब्याज दर 8.25 फीसदी निर्धारित की है.

लोक भविष्य निधि यानी पीपीएफ क्या है ?
लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजना में कोई भी भारतीय नागरिक अपना खाता खुलवा सकता है. यह ऐच्छिक भविष्य निधि योजना है, इसलिए सरकारी या प्राइवेट नौकरी की कोई शर्त नहीं है. अगर कोई व्यक्ति पीपीएफ खाता खुलवाता है तो उसे एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये जमा करने होंगे और अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा कर सकते हैं. आप इस राशि को एक बार में या 12 किश्तों में भी जमा कर सकते हैं.

पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष होती है. वित्तीय वर्ष 2024 के लिए पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत निर्धारित की गई है.

सामान्य भविष्य निधि यानी जीपीएफ क्या है ?
सामान्य भविष्य निधि (GPF) योजना केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है. किसी भी सरकारी विभाग में एक साल या उससे अधिक समय तक सेवा कर चुके प्रत्येक अस्थायी या स्थायी कर्मचारी तथा सेवानिवृत्ति के बाद फिर काम पर रखा गया कोई पेंशनर्स (जो अंशदायी भविष्य निधि में शामिल होने की अर्हता नहीं रखता) जीपीएफ खाता खोल सकता है.

भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के तहत पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली जीपीएफ योजना के प्रत्येक खाताधारक को मासिक वेतन का कम से कम 6 प्रतिशत हिस्सा जीपीएफ अकाउंट में जमा करना होता है.

वित्तीय वर्ष 2024 के लिए जीपीएफ की ब्याज दर 7.1 प्रतिशत निर्धारित की गई है.

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