नई दिल्ली:इस साल 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025 पेश किया जाएगा. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2025-26 के लिए आने वाले केंद्रीय बजट का असर लोकप्रिय छोटी बचत योजनाओं जैसे कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) और सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) पर पड़ेगा. माना जा रहा है कि कर नीतियों और ब्याज दरों में संभावित बदलाव किया जा सकता है.
छोटे पैमाने के निवेशकों के लिए इन योजनाओं का महत्व केवल वित्तीय रिटर्न से कहीं बढ़कर है. इन साधनों के टैक्स लाभ और सरकारी समर्थन उन्हें दीर्घकालिक पैसे बचाने को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक साधन बनाते हैं. दिसंबर में नवीनतम अपडेट में, केंद्र सरकार ने जनवरी से मार्च की अवधि को कवर करते हुए लगातार चौथी तिमाही के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया.
बजट 2025 से उम्मीदें
विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ती महंगाई और बदलती आर्थिक प्राथमिकताओं के कारण कई संभावित निवेशक अब वैकल्पिक रास्ते तलाश रहे हैं जो पारंपरिक बचत योजनाओं की सीमाओं के बिना हाई रिटर्न देते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पीपीएफ और एनएससी जैसी योजनाओं की दरों में संशोधन की उम्मीद करते हैं. इसके साथ ही सरकार टैक्स स्लैब में संशोधन करके मध्यम वर्ग को राहत दे सकती हैं.