नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को बजट पेश कर दिया. उन्होंने सातवीं बार देश का बजट पेश किया है. इस बार के बजट में वित्त मंत्री ने कृषि के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादकता हमारी पहली प्राथमिकता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि देश में नेचुरल फार्मिंग को दिया जाएगा बढ़ावा. इसके लिए एक करोड़ किसान को सपोर्ट किया जाएगा. इससे कलस्टर फॉर वेजिटेबल प्रोडक्शन- स्टार्टअप, कलेक्शन स्टोरेज को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा डिजिटल खऱीफ फसल सर्वे 400 जिले में किया जाएगा. साथ ही 10 हजार बायो रिसर्च सेंटर भी बनाए जाएंगे.
वित्त मंत्री की किसानों को सौगात (ETV Bharat Graphics) 'कृषि रिसर्च में बदलाव किया जाएगा'
वित्त मंत्री ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल किस्मों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कृषि रिसर्च में बदलाव किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु अनुकूल फसल किस्मों के विकास के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की जाएगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसानों के लिए हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है, जो लागत से कम से कम 50 फीसदी मार्जिन के वादे को पूरा करता है.
बजट से पहले ऐसा माना जा रहा था वित्त मंत्री इस बार किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम कुसुम योजना को लेकर सरकार महत्वपूर्ण प्रावधान कर सकती हैं. वहीं, किसान संगठनों के लगातार MSP की कानूनी गारंटी देने की मांग को देखते हुए समर्थन मूल्य परज्यादा फसल खरीदने के लिए ज्यादा राशि का आवंटन हो सकती है.
कृषि उपकरणों पर GST कम करने की उम्मीद
साथ ही यह भी उम्मीद की जा रही थी कि वित्त मंत्री बजट में ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली योजनाओं के लिए भी बजटीय आवंटन बढ़ा सकती हैं. किसान संगठन कृषि उपकरणों पर लगने वाली GST का भी विरोध कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा था कि बजट में सरकार कृषि उपकरणों पर GST दरों को कम करने या अधिक सब्सिडी देने का फैसला कर सकती है.
बढ़ सकती है किसान सम्मान निधि योजना की राशि
बता दें कि फिलहाल सरकार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत अभी साल में किसानों को 6 हजार रुपये मिलते हैं. बजट में सरकार के इसे बढ़ाकर 8,000 रुपये सालाना की संभावना थी. इसकी तरह पीएम कुसुम योजना के तहत मिवने वाली सब्सिडी राशि में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही थी.
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