नई दिल्ली:हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने कहा कि वह फर्म को बंद करने जा रहे हैं. बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च वह फर्म है जिसकी रिपोर्ट के बाद भारत के अडानी समूह और यूएस स्थित निकोला सहित कई कंपनियों और उनके निवेशकों को अरबों का नुकसान हुआ.
2017 में हिंडनबर्ग की शुरुआत करने वाले नाथन एंडरसन ने बुधवार को प्रकाशित एक वेबसाइट पोस्ट में काम की 'काफी तीव्र और कभी-कभी लगातार लगे रहने की प्रकृति को' अपने फैसले का कारण बताया. उन्होंने कहा कि हमने कुछ साम्राज्यों को हिला दिया जिन्हें हमें लगा कि हिलाने की जरूरत है. नेथन एंडरसन ने एक पत्र में लिखा कि कोई एक खास बात नहीं है, किसी से कोई खतरा नहीं है, कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं और ना ही कोई बड़ी व्यक्तिगत समस्या है... उन्होंने लिखा कि इस काम को करते रहने के लिए काफी इंटेनसिटी और जिंदगी के कई हिस्सों और लोगों से दूर रहने की कीमत चुकानी पड़ती है.
उन्होंने कहा कि इस काम ने मुझे उनलोगों से दूर कर दिया है जिनकी मुझे परवाह है. अब मैं हिंडनबर्ग को अपने जीवन का एक अध्याय मानता हूं... ना कि एक केंद्रीय तत्व... हिंडनबर्ग रिसर्च मुझे परिभाषित नहीं करती है. 40 वर्षीय एंडरसन ने जनवरी 2023 में गौतम अडानी के अडानी समूह पर 'कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने' का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी थी. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, गौतम अडानी उस समय दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे.