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महंगी EMI से नहीं मिली राहत...लगातार 10वीं बार RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव

आरबीआई ने रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखी. वित्त वर्ष 2025 की वृद्धि दर 7.2 फीसदी पर, लेकिन रुख बदलकर 'न्यूटरल' कर दिया.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

RBI Governor Shaktikanta Das
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (IANS Photo)

नई दिल्ली:भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आज 9 अक्टूबर को वित्त वर्ष 25 के लिए अपनी चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है. खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों से आर्थिक दबाव के कारण आरबीआई ने आज ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है. आरबीआई ने नीतिगत दरों को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा. एमपीसी ने आने वाले महीनों में विकास पर सतर्क रहने और रुख को न्यूटरल करने का फैसला किया है.

  • रेपो रेट लगातार 10वीं बार 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रही.
  • आरबीआई क्लाइमेट रिस्क सिस्टम नाम से डेटाबेस बनाएगा.
  • उपभोक्ता लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया के प्रति आगाह करते हुए RBI ने कहा कि भारतीय बैंकों के स्वास्थ्य मानदंड मजबूत बने हुए हैं.
  • आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई में धीमी बनी रहेगी.
  • आरबीआई गवर्नर दास ने संकेत दिया है कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में मंदी के संकेत दिख रहे हैं.
  • वित्त वर्ष 2025 में महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
  • वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में महंगाई बढ़कर 4.8 फीसदी हो जाएगी.

FY25 - 4.5 फीसदी

Q3 - 4.8 फीसदी

Q4 - 4.2 फीसदी

Q1FY26 - 4.3 फीसदी

  • 2024-25 के लिए सीपीआई महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है. दूसरी तिमाही में यह 4.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहेगी.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति, तीन नए बाहरी सदस्यों के साथ, 7, 8 और 9 अक्टूबर को बैठक में एमपीसी ने छह में से पांच सदस्यों के बहुमत से नीति रेपो दर को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि एमपीसी ने आने वाले महीनों में उभरते परिदृश्य पर नजर रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि अगस्त में एमपीसी की पिछली बैठक के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रुपए की विनिमय दर काफी हद तक सीमित बनी हुई है. उन्होंने कहा कि उभरते बाजारों की मुद्राओं में भारतीय रुपए में सबसे कम अस्थिरता है, जो मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी बातों को दिखाता है.

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