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NSE ने BSE पर बकाया राशि का पेमेंट न करने का लगाया आरोप - NSE BLAMES BSE

एनएसई ने अपने राइवल एक्सचेंज बीएसई पर बकाया राशि का पेमेंट ना करने का आरोप लगाया है.

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प्रतीकात्मक फोटो (IANS Photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 5, 2025, 3:38 PM IST

मुंबई:नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने कहा है कि उसके क्लियरिंग कॉरपोरेशन ब्रांच एनएसई क्लियरिंग लिमिटेड (एनसीएल) की टोटल लिक्विड संपत्ति नियामक निर्धारित सीमा से नीचे गिर गई है, क्योंकि राइवल एक्सचेंज बीएसई ने 312.37 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है. बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज ने अपने तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों के बयान के हिस्से के रूप में इस डिटेल्स का खुलासा किया.

यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि क्लियरिंग कॉरपोरेशन सभी लेन-देन को क्लियर करने और निपटाने के लिए जिम्मेदार हैं. साथ ही एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर एक्जुएट सभी ट्रेडों के लिए काउंटर-पार्टी गारंटी भी देता हैं.

एनएसई ने अपने तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम डिटेल्स में कहा कि एनसीएल ने तरल संपत्तियों की गणना की है और 09 जनवरी, 2025 के पत्र के जरिए सेबी को सूचित किया है कि आवश्यक न्यूनतम तरल संपत्तियों में 176.65 करोड़ रुपये की कमी है, जिसका मुख्य कारण बीएसई लिमिटेड से 312.37 करोड़ रुपये की बकाया राशि प्राप्त न होना है.

इसमें कहा गया है कि इस घाटे की पूर्ति 31 मार्च, 2025 से पहले आंतरिक अरनिंग/प्राप्तियों की वसूली से की जाएगी. इसके अलावा एनसीएल ने उक्त घाटे की गणना करते समय 31 दिसंबर, 2024 तक अर्जित 424.35 करोड़ रुपये के ब्याज को शामिल नहीं किया है.

न्यूनतम सीमा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा निर्धारित अनिवार्य विनियामक अनुपालन है.

देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज
एनएसई देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जिसकी कैश मार्केट में 94 फीसदी हिस्सेदारी है और इक्विटी फ्यूचर्स सेगमेंट में 99.9 फीसदी के साथ लगभग एकाधिकार है. इक्विटी ऑप्शंस में एनएसई की Q3FY25 में 87.5 फीसदी बाजार हिस्सेदारी थी. इसके कैश और इक्विटी फ्यूचर्स दोनों सेगमेंट ने Q3FY25 में 30 फीसदी से अधिक की वॉल्यूम वृद्धि दर्ज की, जबकि इक्विटी ऑप्शंस वॉल्यूम में 10 फीसदी की वृद्धि हुई. करेंसी फ्यूचर्स में एक्सचेंज ने 93 फीसदी बाजार हिस्सेदारी हासिल की.

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