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राष्ट्रीय महिला बचत दिवस : फैशन के साथ आभूषणों में निवेश महिलाओं की पहली पसंद - National Womens Savings Day - NATIONAL WOMENS SAVINGS DAY

National Women's Savings Day : निवेश को बढ़ावा देने और बचत की परंपरा अपनाने के लिए 14 अप्रैल को महिला बचत दिवस के रूप में मनाया जाता है. पढ़ें पूरी खबर..

National Women's Savings Day
National Women's Savings Day

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 14, 2024, 7:24 AM IST

Updated : Apr 14, 2024, 1:14 PM IST

हैदराबाद :सरकार की ओर निवेश को बढ़ावा देने के लिए 14 अप्रैल को महिला बचत दिवस मनाया जाता है, लेकिनभारत में शादी-विवाह व अन्य शुभ मुहूर्त पर जेवरात भेंट करने की शदियों पुरानी परंपरा है. यही नहीं अब जन्मदिन, शादी की सालगिरह सहित अन्य अवसरों पर जेवरात भेंट करने की परंपरा बढ़ रही है. इसके अलावा महिलाएं फैशन के लिहाज के साथ-साथ घर-परिवार के बचत का उपयोग आभूषण खरीदने के लिए करती हैं. सोने-चांदी व अन्य जेवरात की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आज के समय में यह सबसे ज्यादा रिर्टन देने वाला सेक्टर बन गया है. 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का 1965 में 71.75 मूल्य था. 2000 में यह 4,400.00 रुपये तक पहुंच गया. 2020 में 48,651.00 रुपये पहुंच गया. 2022 में 52,670.00, 2023 में 65,330.00 रुपये और इस साल अभी तक यह 72,380.00 रुपये के मूल्य को पार कर चुका है.

सोने के मूल्य में उतार-चढ़ाव

साल मूल्य (24 कैरेट/10ग्राम) रुपये में

  1. 1965- 71.75
  2. 1970- 184.50
  3. 1975- 540.00
  4. 1980- 1330.00
  5. 1985- 2130.00
  6. 1990- 3200.00
  7. 1995- 4680.00
  8. 2000- 4,400.00
  9. 2005- 7000.00
  10. 2010- 18500.00
  11. 2015- 26,343.50
  12. 2016- 28,623.50
  13. 2017- 29,6670.00
  14. 2018- 31,483.00
  15. 2019- 35,220.00
  16. 2020- 48,651.00
  17. 2021- 48,720.00
  18. 2022- 52,670.00
  19. 2023- 65,330.00
  20. 2024- 72,380.00 (12 अप्रैल 2024)

महिलाओं के लिए प्रमुख सेविंग स्कीम

  1. राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र -7.7 प्रतिशत
  2. सुकन्या समृद्धि योजना- 8 प्रतिशत
  3. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना-8.2 फीसदी
  4. किसान विकास पत्र 7.6 फीसदी (115 महीने में परिपक्व)
  5. लोक भविष्य निधि- 7.1 फीसदी
  6. महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट-7.5 फीसदी/सालाना

एक नजर में महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट 2023

  1. घोषणाः 2023- 24 से बजट के दौरान
  2. योग्यताः कोई भी भारतीय महिला/लड़की
  3. योजना की शुरूआतः 1 अप्रैल 2023 से
  4. योजना की समाप्तिः 31 मार्च 2025 तक
  5. ब्याजः 7.5 फीसदी/सालाना.
  6. लाभः प्रत्येक 3 महीने पर चक्रवृद्धि ब्याज के साथ खाते में राशि अपडेट होगा.
  7. न्यूनतम निवेशः1000/- रुपये
  8. अधिकतम निवेशः 2 लाख रुपये
  9. परिपक्वता अवधि: 2 साल

14 अप्रैल को मनाया जाता है महिला बचत दिवस
भारत में हर साल 14 अप्रैल को महिला बचत दिवस मनाया जाता है. महिला बचत दिवस लघु बचत निदेशक और क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्र बचत संस्थान और राज्य और केंद्र सरकार के अन्य महत्वपूर्ण अधिकारियों की भागीदारी के साथ मनाया जाता है. यह दिन महिला प्रधान क्षेत्रीय बचत योजना (Mahila Pradhan Kshetriya Yojna) और अन्य महिला केंद्रित योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करके महिलाओं में छोटी बचत की आदत विकसित करने पर केंद्रित है. पैसे बचाए बिना आप अपने किसी भी वित्तीय लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते हैं. घर खरीदने से लेकर आरामदायक सेवानिवृत्ति का आनंद लेने तक हर चीज में बचत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना न केवल उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है बल्कि समग्र सामाजिक प्रगति में भी योगदान देता है. हालांकि, हमारे देश में कई महिलाएं आर्थिक आजादी की राह में बहुत पीछे हैं. माना जाता है पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम बचत करती हैं. इसके पीछे मुख्य कारण है कि ज्यादातर घरेलू महिलाओं के पास बचत के साधन काफी कम होते हैं.

भारत सरकार की ओर से महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता को सशक्त बनाने के लिए कई वित्तीय व कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है. जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, डाकघर महिला सम्मान बचत योजना, एसबीआई लाइफ स्मार्ट महिला एडवांटेज योजना.

लिंग वेतन अंतर:

  1. ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2023 के अनुसार भारत वैश्विक सूचकांक में 127वें स्थान पर रहते हुए कुल लिंग अंतर का 64.3 फीसदी से कम कर लिया है. बीते संस्करण के बाद से वरिष्ठ पदों और तकनीकी भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी में थोड़ी गिरावट आई है.
  2. भारत में श्रम-बल भागीदारी दर में 28.26% महिलाएं और 76.14% पुरुष हैं.
  3. रिपोर्ट के अनुसार भारत में विधवाओं और बेटियों के लिए विरासत के अधिकार असमान हैं.
  4. अनुमानित अर्जित आय (अंतरराष्ट्रीय स्तर) में भारी लिंग अंतर ध्यान देने योग्य है, जो महिलाओं के लिए 2.40 और पुरुषों के लिए 10.52 है.
  5. भारत में लैंगिक आधार पर वेतन अंतर बहुत बड़ा है. मॉन्स्टर सैलरी इंडेक्स (एमएसआई) के अनुसार, भारत में महिलाएं पुरुषों की तुलना में 20 प्रतिशत कम कमाती हैं. जहां पुरुष औसतन 231 रुपये प्रति घंटा वेतन कमाते हैं, वहीं महिलाएं केवल 184.8 रुपये कमाती हैं.
  6. अनुभव के साथ वेतन अंतर भी बढ़ता है, जबकि दो साल के अनुभव वाले पुरुष औसत वेतन में 7.8 प्रतिशत अधिक कमाते हैं, 11 या अधिक वर्षों के अनुभव वाले लोग 25 प्रतिशत अधिक कमाते हैं.
  7. महिलाएं अधिक समय तक जीवित रहती हैं, जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 69.9 वर्ष है, जबकि पुरुषों के लिए यह 66.9 वर्ष है.

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Last Updated : Apr 14, 2024, 1:14 PM IST

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