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बदल रहा जमीन रजिस्ट्री से जुड़ा यह नियम, होगा लाभ, बचेगा पैसा और समय - LAND REGISTRATION NEW SYSTEM

जमीन रजिस्ट्री की व्यवस्था बदल जाएगी. विक्रेता और खरीदार के लिए नए नियम जारी हुए है.

Land registration new system
प्रतीकात्मक फोटो (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2024, 4:33 PM IST

नई दिल्ली:बिहार मेंडिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन ऑफिस में कल यानी की 17 दिसंबर से रजिस्ट्री सिस्टम बदल जायेगी. जमीन, मकान, संस्थान आदि का रजिस्ट्रेशन ई-रजिस्ट्री के माध्यम से होगा. इसके लिए तैयारी कर ली गई है. यह डिजिटल बदलाव पारदर्शिता, सुविधा और धोखाधड़ी से सुरक्षा का वादा करता है, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों को लाभ होगा.

डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन ऑफिस में इसके लागू होने से बड़ी संख्या में जमीन खरीदने और बेचने वालों को सुविधा होगी. ये नया नियम बिहार जिले के पारू, मोतीपुर, कटरा और सकरा उप निबंधक कार्यालयों में पहले से ही लागू है.

प्रतीकात्मक फोटो (https://bhumijankari.bihar.gov.in/)

पहले देना होगा जमीन सत्यापन के लिए आवेदन
इस प्रक्रिया के तहत जिस जमीन या अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री होगी, उसके सत्यापन के लिए पहले आवेदन देना होगा. इसके सत्यापन के बाद डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन ऑफिस के आवेदक को स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क की जानकारी दी जायेगी. इसी आधार पर आवेदक जमीन का चालान और डीड तैयार करायेगा.

  • दस्तावेज तैयार होने के बाद आपको सिटीजन पोर्टल पर जाकर डिटेल्स भरनी होंगी.
  • डिटेल्स भरने के बाद आवेदक को जमीन खरीद-बिक्री का स्टॉक मिल जाएगा.
  • साथ ही, डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन ऑफिस में रजिस्ट्रेशन की आगे की प्रक्रिया किस ऑपरेटर को करनी है, यह भी अपने आप तय हो जाएगा.

इसके बाद आवेदक द्वारा भरे गए डिटेल्स का सत्यापन किया जाएगा. तैयार डीड के साथ अन्य डाटा के सत्यापन के बाद सहायक स्तर पर आगे की प्रक्रिया होगी. यहां सभी डाटा और डीड की जांच के बाद बायोमेट्रिक की प्रक्रिया शुरू होगी.

आधार सत्यापन से रुकेगा फर्जीवाड़ा
सहायक स्तर पर सत्यापन के बाद सेलर, बायर, गवाह का बायोमेट्रिक होगा. इसमें सभी के आधार कार्ड का सत्यापन होगा. साथ ही, इन सभी का वर्तमान और आधार फोटो कवला डीड में प्रिंट किया जाएगा. इसके बाद कोई भी बाद में यह दावा नहीं कर सकेगा कि उसने जमीन नहीं बेची या खरीदी.

सभी डाटा आधार नंबर के साथ दर्ज होंगे. इससे देश में कहीं से भी यह जांचना संभव हो जाएगा कि किस आधार नंबर से जमीन कब और कहां बेची या खरीदी गई. इससे इसके सत्यापन के लिए संबंधित निबंधन कार्यालय पर निर्भरता खत्म हो जाएगी.

डिस्ट्रिक्ट डिप्टी रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों को अंतिम रूप देंगे
इस प्रक्रिया के बाद जिला उप निबंधक के स्तर पर दस्तावेजों को अंतिम रूप दिया जाएगा. विक्रेता और गवाह के बीच सहमति भी होगी. अगर कोई व्यक्ति विभाग द्वारा दिए गए स्लॉट में जमीन का डीड नहीं करा पाता है तो उसे नई तारीख दी जाएगी.

समय और पैसे की होगी बचत
इस प्रक्रिया से जमीन निबंधन में समय की बचत होगी. लोग सभी दस्तावेज पहले से तैयार रखेंगे. जमीन का पहले से निरीक्षण होने से आगे कोई बाधा नहीं आएगी. साथ ही पहले से डाटा फीड होने से निबंधन कार्यालय के कर्मचारियों पर काम का दबाव कम होगा. इससे निबंधन की संख्या बढ़ेगी. इसके अलावा कोई अतिरिक्त राशि भी खर्च नहीं करनी पड़ेगी.

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