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क्या आरबीआई 5 रुपये के सिक्के को बंद कर रहा है, जानें क्या है सच्चाई - 5 RUPEE COIN

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 5 रुपये के सिक्के को लेकर भी बैंक ने बड़ा फैसला लिया है.

5 rupee coin
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 6 hours ago

Updated : 5 hours ago

नई दिल्ली:नए साल से पहलेRBI ने बड़ा फैसला लिया है. देश में चल रहे नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI के पास है. जब RBI केंद्र सरकार के सामने नोट और सिक्के छापने का प्रस्ताव रखता है तो यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है. इसके बाद केंद्र सरकार RBI के वरिष्ठ अधिकारियों और अर्थशास्त्रियों की मदद से फैसला लेती है और सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI को दे दिया जाता है. जब किसी नोट और सिक्के को बंद करना होता है तो भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है.

देश में अब तक कई बार ऐसा देखने को मिला है, जब सिक्के और नोट बंद किए गए. 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे. पिछले साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 के नोट भी बंद कर दिए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसी तरह 5 रुपये के सिक्के को लेकर भी बैंक ने बड़ा फैसला लिया है.

क्या बंद हो चुके 5 रुपये के सिक्के
भारत की करेंसी में नोटों के साथ-साथ सिक्कों का भी हमेशा से इस्तेमाल होता रहा है. 100, 200 और 500 के नोटों के साथ-साथ 5, 10 और 20 के सिक्के अभी भी प्रचलन में हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि बाजार से पांच के सिक्के गायब हो रहे हैं. हम सभी ने पांच के सिक्के का इस्तेमाल किया है और देखा होगा कि यह दूसरे सिक्कों की तुलना में मोटा हुआ करता था. हालांकि, अब ये सिक्के धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं और इनकी जगह 5 रुपये के पतले सुनहरे सिक्के ने ले ली है.

प्रतीकात्मक फोटो (RBI Website)

अगर 5 रुपये का सिक्का 9 ग्राम से अधिक हो तो RBI उसको छापना कम या बंद कर देता है.

बाजार में अब वही पुराने सिक्के दिखाई दे रहे हैं जो घूमते रहते हैं. इसके अलावा हर जगह सुनहरे पतले सिक्के दिखाई दे रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ है और RBI ने पुराने सिक्कों को बंद क्यों कर दिया है? अगर नहीं, तो आइए आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है.

RBI ने पुराने सिक्कों को बंद क्यों कर दिया है?
मोटे पांच रुपये के सिक्कों को बंद करने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि इनके निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मेटल को पिघलाकर चार से पांच ब्लेड बनाए जा सकते हैं, जिनकी कीमत 5 रुपये से अधिक होती है. इस आर्थिक कारक के कारण सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इन पांच रुपये के सिक्कों को बंद कर दिया.

एक नियम के अनुसार, अगर करेंसी की लागत उसके अंकित मूल्य से अधिक हो जाती है, तो उन सिक्कों या नोटों को प्रचलन से हटा दिया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 5 रुपये के सिक्के को पिघलाकर 5 ब्लेड बनाता है, और बाद में उन्हें 2 रुपये प्रति ब्लेड (कुल 10 रुपये कमाता है) में बेचता है, तो सिक्के में धातु का आंतरिक मूल्य उसके मौद्रिक मूल्य से अधिक हो जाता है. यह इस कारण से है, अन्य कारणों के अलावा, कि RBI ने कुछ खास सिक्कों, जैसे कि मोटे पांच रुपये के सिक्के के उत्पादन को रोकने का फैसला किया.

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