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रंग से पहचाने कौन सा है आपका कोच, सस्ते में होगा रेलवे का सफर

भारतीय रेल डिब्बे के लिए यूनिक रंग कोड क्यों होता है? अलग-अलग कोचों का क्या मतलब है?

Rail coaches color
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली:भारतीय रेल हर दिन कई करोड़ लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है. यह यात्रियों को आरामदायक यात्रा के लिए कई सुविधाएं देती है. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है? भारतीय रेल के डिब्बे अलग-अलग रंगों में आते हैं. दरअसल, रेल के डिब्बों को इतने अलग-अलग रंगों में रंगने का कारण सुंदरता नहीं है.

इन रंग कोडों का एक खास मतलब होता है. ये रंग कोच के प्रकार और उसमें दी जाने वाली सुविधा के स्तर को दिखाते हैं. यानी हम रंगों के आधार पर एयर-कंडीशनिंग सहित सबसे शानदार सुविधाओं वाले कोचों के बीच अंतर कर सकते हैं.

प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
  • नीले रंग के डिब्बे
    नीले रंग के ये डिब्बे मुख्य रूप से राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में पाए जाते हैं. इन्हें तेज और आरामदायक यात्रा के लिए डिजाइन किया गया है. इन नीले रंग के डिब्बों वाली ट्रेनें 70-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं.
    ये डिब्बे स्टील से बने होते हैं. इनमें एयर ब्रेक होते हैं. इन नीले डिब्बों की सीटें विशाल और आरामदायक होती हैं. खानपान सेवा भी उपलब्ध है. ये नीले डिब्बे उन लोगों के लिए एकदम सही हैं जो आरामदायक यात्रा चाहते हैं. लेकिन इनकी टिकट की कीमत थोड़ी ज्यादा होती है.
  • लाल डिब्बे
    लाल डिब्बों को लिंक हॉफमैन बुश कोच के नाम से भी जाना जाता है. 2000 के दशक की शुरुआत में इन कोचों को भारतीय ट्रेनों में लगाया जाना शुरू किया गया था. ये लाल कोच पंजाब के कपूरथला में बनाए गए हैं. एल्युमिनियम से बने ये कोच काफी हल्के होते हैं. ये 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलते हैं. इन कोचों में डिस्क ब्रेक समेत आधुनिक सुविधाएं हैं.
    इन लाल रंग के कोचों में प्रीमियम सेवाएं दी जाती हैं. आमतौर पर राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में ये कोच होते हैं. ये लाल कोच उन लोगों के लिए उपयुक्त हैं जो लग्जरी, आराम और स्पीड में यात्रा करना चाहते हैं.
  • हरे रंग के डब्बे
    हरे रंग के कोच लाल और नीले रंग के कोचों की तरह एसी होते हैं. लेकिन दूसरों की तुलना में इन हरे रंग के कोचों में यात्रा करने का खर्च काफी कम होता है. ये हरे रंग के कोच अलग-अलग एक्सप्रेस ट्रेनों में लगे होते हैं.
    ये हरे रंग के कोच उन लोगों के लिए उपयुक्त हैं जो कम बजट में ट्रेन से आराम से यात्रा करना चाहते हैं.
  • पीले रंग के कोच
    पीले रंग के कोच में एयर कंडीशन नहीं होता है. इसलिए इनकी टिकट की कीमत कम होती है.
  • भूरे रंग के कोच
    भूरे रंग के कोच में स्लीपर बर्थ होती है और ये रात भर की यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं.
  • बैंगनी रंग के कोच
    बैंगनी रंग के कोच ज्यादातर तेजस एक्सप्रेस में देखे जाते हैं. इनमें अत्याधुनिक सुविधाएं होती हैं.
  • सफेद रंग के कोच
    सफेद रंग के कोच आमतौर पर बहुत महत्वपूर्ण स्थानों पर यात्रा करते हैं.
  • नारंगी रंग के कोच
    नारंगी रंग के कोच शहरों और कस्बों में कम दूरी के स्टेशनों की यात्रा के लिए उपयुक्त होते हैं.
  • क्रीम और नीले रंग के कोच
    क्रीम और नीले रंग के कोच में द्वितीय श्रेणी की आवास सुविधाएं होती हैं. ये उन लोगों के लिए उपयोगी हैं जो कम बजट में यात्रा करना चाहते हैं.

इन रंगों का क्या मतलब है?
भारतीय ट्रेनों में भी कई रंग के कोच होते हैं. अगर हमें इन कलर कोड के बारे में पता हो, तो हम जान सकते हैं कि हम किस तरह के कोच में सवार हो सकते हैं और अपने बजट में आराम से यात्रा कर सकते हैं.

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