नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी.अंतरिम बजट, जिसमें सरकार इस साल लोकसभा चुनाव तक अपना वित्तीय रोडमैप पेश कर सकती है. अंतरिम बजट 2024 पेश होने से पहले कुछ बातों को जान कर लें.
- राजकोषीय घाटा-सरकार की कुल आय और उसके कुल खर्च के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है. वह धन जो सरकार अपने दैनिक कार्यों को चलाने के लिए उधार लेती है. कम राजकोषीय घाटा आम तौर पर अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा माना जाता है.
- सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)- किसी देश में किसी वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी कहा जाता है.
- मुद्रास्फीति- एक निश्चित अवधि में किसी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में निरंतर वृद्धि को मुद्रास्फीति कहा जाता है. महंगाई कम होगी, अर्थव्यवस्था बेहतर होगी.
- डायरेक्ट टैक्स- व्यक्तियों या निगमों की आय या संपत्ति पर सीधे लगाए जाने वाले कर को प्रत्यक्ष कर कहा जाता है.
- इनडायरेक्ट टैक्स-वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग पर लगाए गए कर को अप्रत्यक्ष कर कहा जाता है.
- कैपिटल खर्च-बुनियादी ढांचे, भवन और मशीनरी जैसी फिजिकल संपत्ति बनाने पर सरकार के खर्च को कैपिटल खर्च कहा जाता है.
- रेवेन्यू खर्च-वेतन, सब्सिडी और ब्याज भुगतान जैसे दैनिक कार्यों पर सरकार का व्यय राजस्व व्यय कहलाता है.
- आउटले- विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटित कुल धनराशि को आउटले कहा जाता है.