नई दिल्ली:भारत में चाय की कीमतें आसमान छू रही हैं और उम्मीद है कि ये कीमतें बनी रहेंगी. कटाई के मौसम के दौरान गर्मी और बाढ़ के कारण प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में उत्पादन में कमी आई है, जिसके वजह से कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
कीमतों में बढ़ोतरी से इनडेंजर्ड भारतीय चाय उद्योग को मदद मिल सकती है, जो पिछले एक दशक में चाय की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी के बीच बढ़ती प्रोडक्शन लागत से जूझ रहा है. मई में अत्यधिक गर्मी और उसके बाद असम में जारी बाढ़ के कारण उत्पादन में कमी आ रही है. इसके अलावा सरकार द्वारा 20 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से भी प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है.
मई में चाय के प्रोडक्शन में आई गिरावट
मई में भारत का चाय उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 30 फीसदी से अधिक गिरकर 90.92 मिलियन किलोग्राम रह गया, जो पिछले एक दशक से भी अधिक समय में इस महीने का सबसे कम उत्पादन है. यह अत्यधिक गर्मी और कम बारिश के कारण हुआ. देश के आधे से ज्यादा उत्पादन का उत्पादन करने वाले पूर्वोत्तर राज्य असम में जुलाई में आई भयंकर नदी बाढ़ से 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. अप्रैल से अच्छी मांग के बावजूद गर्मी की वजह से उत्पादन में कमी आने के बाद चाय की कीमतों में उछाल आया.