पुणे : भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय में जब देश का गेमिंग क्षेत्र उल्लेखनीय छलाँग के लिए तैयार है, ईस्पोर्ट्स और गेम डेवलपमेंट उद्योग में अधिक नौकरियाँ पैदा की जा सकती हैं.
पुणे में हाल ही में संपन्न इंडिया गेमिंग शो में सीआईआई के अध्यक्ष आर. दिनेश ने कहा, "भारत में बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में नए रास्ते बनाने की अपार क्षमता है, जिससे ईस्पोर्ट्स और गेम डेवलपमेंट में अधिक नौकरियों के सृजन का रास्ता खुलेगा."
दिनेश ने आने वाले वर्षों में तेजी से विकास का अनुमान लगाते हुए इस उभरते क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मोर्चों पर इनकी बढ़ती प्रमुखता पर जोर देते हुए वीडियो गेम और ईस्पोर्ट्स क्षेत्र की परिवर्तनकारी यात्रा को रेखांकित किया.
पुणे में सीआईआई के प्रतिनिधि इंडिया गेमिंग शो के छठे संस्करण में 10 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 70 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया, जिसमें इंडोनेशिया ने अतिथि देश के रूप में शुरुआत की. वर्तमान में एक प्रतिशत से कम की बाजार हिस्सेदारी के साथ, देश के गेमिंग क्षेत्र में विस्तार की अपार संभावनाएँ हैं, जो पीसी, मोबाइल और कंसोल गेमिंग में प्रचलित रुझानों से प्रेरित है.
दिनेश ने कहा कि भारत के पास "विशेष रूप से निर्मित खेलों के विकास का नेतृत्व करने का अनूठा अवसर है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वैश्विक और घरेलू दोनों उत्पादों को वैश्विक पहचान मिले." सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि उभरते क्षेत्र को एक जिम्मेदार नीतिगत ढाँचे की आवश्यकता है.
उन्होंने "जनता को शिक्षित करने और नैतिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार गेमिंग प्रथाओं के सामाजिककरण" के महत्व पर जोर दिया. बनर्जी ने उपलब्ध प्रतिभा के पूल को बढ़ाने और जनसांख्यिकी में उल्लेखनीय सुधार के लिए उद्योग में नवाचार और कौशल विकास के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिससे क्षेत्र में महिलाओं की संख्या में 49 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
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