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आपके पास आए ये मैसेज या कॉल तो हो जाएं सावधान, वरना अकाउंट हो जाएगा खाली - ITR refund scam

ITR refund scam- इस वित्त वर्ष के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेट निकल चुकी है. अब टैक्सपेयर अपने रिफंड का इंतजार कर रहे है. अब तक कई लोगों का रिफंड नहीं आया है. लेकिन इससे जुड़े कई फ्रॉड मैसेज आ रहे है. ऐसे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चेतावनी जारी कर बताया है कि ऐसे मैसेज आने पर क्या करना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

ITR refund scam
स्कैम (प्रतीकात्मक फोटो) (Getty Image)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 18, 2024, 9:57 AM IST

नई दिल्ली:इनकम टैक्सडिपार्टमेंट (आईटी) ने टैक्सपेयर को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सावधान रहने के लिए एक सलाह जारी की है. इसमें फर्जी कॉल और पॉप-अप नोटिफिकेशन के जरिए कर रिफंड का दावा किया जा सकता है.

इनकम टैक्सडिपार्टमेंट ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि जिन टैक्सपेयर को फर्जी मैसेज मिलते हैं, उन्हें पहले आईटी विभाग से यह वैरिफाई करना चाहिए कि यह सच है या नहीं. साथ ही आईटी डिपार्टमेंट ने कहा कि ऐसे ईमेल का जवाब न दें या वेबसाइट पर न जाएं जो क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट का डिटेल्स या कोई अन्य संवेदनशील जानकारी मांगते हैं. आयकर विभाग दिए गए ईमेल पते के जरिए टैक्सपेयर से संपर्क कर सकता है.

फर्जी मैसेज कैसे लिखा जा सकता है?
आपको 15000 रुपये का आयकर रिफंड स्वीकृत किया गया है. यह राशि जल्द ही आपके खाते में जमा कर दी जाएगी, कृपया अपना खाता नंबर 5XXXXX6777 वैरिफाई करें. अगर यह सही नहीं है, तो कृपया नीचे दिए गए लिंक पर जाकर अपने बैंक खाते की जानकारी अपडेट करें.

बता दें कि ऐसे धोखाधड़ी वाले ईमेल या मैसेज पर टैक्सपेयर को आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर फॉरवर्ड करना चाहिए.

फर्जी मैसेज की रिपोर्ट कैसे करें?
आप संदिग्ध ईमेल को webmanager@incometax.gov.in पर फॉरवर्ड कर सकते हैं. आप इसकी एक कॉपी event@cert-in.org.in पर भी फॉरवर्ड कर सकते हैं

आयकर विभाग ने बताया कि अगर आपको कोई फिशिंग मेल मिलता है, तो उसे event@cert-in.org.in पर फॉरवर्ड करें. आयकर विभाग ने टैक्सपेयर को यह भी चेतावनी दी है कि वे ऐसे लोगों के फर्जी मेल का जवाब न दें या उसमें अटैच एनेक्सेशन न खोलें जो खुद को आयकर विभाग से होने का दावा करते हैं. ऐसे मेल में दिए गए किसी भी लिंक पर सीधे क्लिक न करें या ब्राउजर में कट और पेस्ट न करें. इसके अलावा, टैक्सपेयर को आधार, ओटीपी और पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी को भी सुरक्षित रखना चाहिए.

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