दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

7वें वेतन आयोग से कितना अलग है 8वां वेतन आयोग ? जानें - 8TH PAY COMMISSION

8वां वेतन आयोग आधिकारिक रूप से गठित नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि यह सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन की समीक्षा करेगा.

8th Pay Commission
7वें वेतन आयोग से कितना अलग है 8वां वेतन आयोग ? (Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 17, 2025, 2:32 PM IST

नई दिल्ली: भारत सरकार ने 7वें वेतन आयोग की स्थापना केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन करने के लिए की गई थी. यह 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी है. चूंकि 7वें वेतन आयोग ने अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, इसलिए 8वें वेतन आयोग के बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी.

हालांकि, अभी तक आधिकारिक रूप से इसका गठन नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि यह सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन सुधारों की समीक्षा करेगा और उन्हें सुझाएगा. ऐसे में यह सवाल उठता है कि 8वां वेतन आयोग पिछले पे कमीशन से कितना अलग होगा और दोनों में क्या फर्क होगा?

7वें वेतन आयोग की स्थापना और उद्देश्य
7वें वेतन आयोग की स्थापना 28 फरवरी 2014 को न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में की गई थी. इसका प्राथमिक उद्देश्य अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्र शासित प्रदेशों और रक्षा बलों जैसी विभिन्न सेवाओं में कार्यरत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा करना और उसमें बदलाव की सिफारिश करना था. आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि वेतन वर्तमान आर्थिक स्थितियों, मुद्रास्फीति दरों और कॉस्ट ऑफ लिविंग की लागत के अनुरूप हो.

7वें वेतन आयोग की प्रमुख सिफारिशें
7वें वेतन आयोग की प्रमुख सिफारिशें में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी सबसे अहम थी. आयोग ने एक्रोयड फॉर्मूले के आधार पर नए कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये निर्धारित किया, जो पिछले आयोग के तहत 7,000 रुपये के मुकाबले उल्लेखनीय वृद्धि है.

वहीं, अधिकतम पे स्केल के लिए 225,000 रुपये प्रति माह और कैबिनेट सचिव और समान वेतन स्तर पर अन्य के लिए 250,000 रुपये प्रति माह किया. आयोग ने नए रिटायर अधिकारियों के लिए पेंशन में लगभग 23.66 फीसदी की वृद्धि की गई, जिससे सेवानिवृत्त लोगों के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हुई.

7वें वेतन आयोग ने ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये लाख करने का प्रस्ताव रखा. इसके अतिरिक्त, वे रेकामेंड करते हैं कि जब भी महंगाई भत्ता (डीए) 50 प्रतिशत से अधिक हो, तो इस सीमा में 25प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए. आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि के साथ तालमेल बिठाने के लिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में 24 प्रतिशत की वृद्धि करने का सुझाव दिया. इसने 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की वार्षिक वेतन वृद्धि दर को बरकरार रखा गया .

आयोग ने कर्मचारियों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए संशोधित दरों का प्रस्ताव करते हुए, केंद्र सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना को अपडेट करने की सिफारिश की. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी, 2016 को लागू किया गया था, और तब से इसने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वित्तीय परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है.

8वां वेतन आयोग
आगामी 8वें वेतन आयोग का उद्देश्य मौजूदा आर्थिक मुद्दों से निपटकर और सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों दोनों के लिए वित्तीय स्थिरता को मजबूत करके इन प्रगति को बढ़ाना है.8वें वेतन आयोग की स्थापना का निर्णय 16 जनवरी, 2025 को घोषित किया गया था. इसका उद्देश्य बदलती आर्थिक स्थितियों और मुद्रास्फीति के दबावों के मद्देनजर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित करना है.

कर्मचारियों के लिए वेतन बढ़ने की उम्मीद
आयोग के 1 जनवरी, 2026 से काम करना शुरू करने की उम्मीद है. हालांकि, यह अभी तक आधिकारिक रूप से गठित नहीं हुआ है. इससे सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन सुधारों की समीक्षा और सिफारिश करने की उम्मीद है.

8वें आयोग में यह प्रस्तावित है कि फिटमेंट फैक्टर को 2.28 पर सेट किया जाए, जिससे न्यूनतम वेतन में पर्याप्त वृद्धि होगी.यह 18,000 रुपये से 41,000 रुपये तक पहुंच सकती है, जो लगभग 34.1 फीसदी की संभावित वृद्धि को दर्शाता है.

8वें वेतन आयोग के तह तजनवरी 2026 तक महंगाई भत्ता लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे कर्मचारियों के वेतन में और वृद्धि होगी. इन परिवर्तनों से लगभग 67.85 लाख पेंशनभोगियों और लगभग 48.62 लाख कर्मियों को लाभ हो सकता है.

8वें वेतन आयोग के मुख्य लक्ष्य
आयोग से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन में संशोधन करने की उम्मीद है, जिसमें 20 फीसदी से 35 प्रतिशत तक की अनुमानित वृद्धि होगी. इस एडजस्टमेंट का उद्देश्य वर्तमान आर्थिक स्थितियों और मुद्रास्फीति दरों को प्रतिबिंबित करना है. इसके अलावा 8वें वेतन आयोग के तहत सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है, जिससे रिटायरमेंट में उनकी वित्तीय स्थिरता में सुधार होगा.

8वें वेतन आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों के विभिन्न समूहों के बीच वेतन में असमानताओं को समाप्त करना है. इसमें फिटमेंट फैक्टर का स्टैंडर्डाइजेशन शामिल है, जो विभिन्न स्तरों पर वेतन वृद्धि निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण है. साथ ही इसमें घर के किराए और यात्रा भत्ते जैसे डीए को वर्तमान कॉस्ट ऑफ लिविंग के साथ संरेखित करने के लिए संशोधित किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी बढ़ते खर्चों के बीच उचित जीवन स्तर बनाए रख सकें.

8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होने का अनुमान है, जो संभावित रूप से 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 41,000 रुपये हो जाएगा, जिससे वेतनमान के निचले सिरे पर कर्मचारियों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी.

यह भी पढ़ें- केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! 8वें वेतन आयोग के बाद मिलेगा एक और तोहफा, मार्च में फैसला लेगी सरकार

ABOUT THE AUTHOR

...view details