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क्या है फिटमेंट फैक्टर, जिसके जरिए वेतन आयोग तय करता है कर्मचारियों की सैलरी, समझें पूरा खेल - 8TH PAY COMMISSION

Fitment Factor: 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी सात हजार से यह 18 हजार पहुंच गई.

8th pay commission
क्या है फिटमेंट फैक्टर (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 17, 2025, 5:46 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से आठवें वेतन आयोग के घटन को मंजूरी मिल गई है, जिस के बाद सरकारी कर्मचारी जश्न मना रहे हैं.दरअसल, आठवां वेतन लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा. सरकारी कर्मियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, अभी तक इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

हालांकि, कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा, यह फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करता है.अगर फिटमेंट कम होगा तो कम सैलरी बढ़ेगी और अगर ज्यादा होगा तो तनख्वाह ज्यादा बढ़ेगी. फिटमेंट फैक्टर तय हो जाने के बाद ही यह पता है चलता कि वेतन में कितनी वृद्धि होने जा रही है?

इससे पहले मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया था, तब केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में जबरदस्त इजाफा हुआ था. उस समय 7 हजार रुपये की न्यूनतम बेसिक बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई थी. इसी के हिसाब से कुल वेतन भी बढ़ा था. गौरतलब है कि उस समय भी सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट के आधार पर ही की गई थी.

7वें आयोग में कितना था फिटमेंट
उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इस हिसाब से नए वेतन आयोग के तहत सैलरी 2.57 गुना बढ़ी और सात हजार से यह 18 हजार पहुंच गई. इससे पहले छठे वेतन आयोग के वक्त फिटमेंट फैक्टर 1.86 था. यानी 7वें वेतन आयोग में बेसिक सैलरी को बढ़कर 1.86 गुना (दोगुने से थोड़ा कम) हुई थी.

अब बात करते हैं 8वें वेतन आयोग की. पिछली बार फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. तो इस बार कम से कम इतना तो रहेगा ही. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8वें वेतन आयोग के लगने पर यह फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 हो सकता है.

ऐसे में मान लिया जाए कि सरकार इसी फिटमेंट के आधार पर सैलरी में इजाफा करेगी तो सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 51 हजार रुपये से ज्यादा हो जाएगी. इतना ही नहीं जो लोग पेंशन पा रहे हैं यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा. इसके साथ ही उनकी 9,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन बढ़कर 25 हजार रुपये तक पहुंच जाएगी.

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
माना जा रहा है कि 8वां पे कमीशन जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, क्‍योंकि इसी दिन 7वें वेतन आयोग की समय-सीमा समाप्‍त होगी.

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में सुधार करने के लिए इस्तेमास किया जाने वाला एक फॉर्मूला है. यह कर्मचारी की मूल सैलरी को एक निश्चित मल्टीप्लायर से बढ़ाकर नए वेतनमान में एडजस्ट करता है. इसे हर वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय किया जाता है. साथ ही समय-समय पर इसमें बदलाव भी किए जाते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है.फिटमेंट फैक्टर को तय करते समय सरकार की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और कर्मचारियों की जरूरतों को ध्यान में रखा जाता है.

फिटमेंट फैक्टर तय करते समय पे कमीशन सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों की समीक्षा करता है और एक मल्टीप्लायर निर्धारित करता है. उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 तय किया था. इसका मतलब है कि कर्मचारी का नया वेतन उसकी मूल सैलरी को 2.57 से गुणा करके तय किया गया. अगर किसी कर्मचारी की मूल सैलरी 15 हजार रुपये है तो 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से उसे नया वेतन 38,550 रुपये मिलेगा.गौरतलब है किनया वेतन महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों को भी ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है.

यह भी पढ़ें- 7वें वेतन आयोग से कितना अलग है 8वां वेतन आयोग ? जानें

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से आठवें वेतन आयोग के घटन को मंजूरी मिल गई है, जिस के बाद सरकारी कर्मचारी जश्न मना रहे हैं.दरअसल, आठवां वेतन लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा. सरकारी कर्मियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, अभी तक इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

हालांकि, कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा, यह फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करता है.अगर फिटमेंट कम होगा तो कम सैलरी बढ़ेगी और अगर ज्यादा होगा तो तनख्वाह ज्यादा बढ़ेगी. फिटमेंट फैक्टर तय हो जाने के बाद ही यह पता है चलता कि वेतन में कितनी वृद्धि होने जा रही है?

इससे पहले मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया था, तब केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में जबरदस्त इजाफा हुआ था. उस समय 7 हजार रुपये की न्यूनतम बेसिक बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई थी. इसी के हिसाब से कुल वेतन भी बढ़ा था. गौरतलब है कि उस समय भी सैलरी में बढ़ोतरी फिटमेंट के आधार पर ही की गई थी.

7वें आयोग में कितना था फिटमेंट
उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इस हिसाब से नए वेतन आयोग के तहत सैलरी 2.57 गुना बढ़ी और सात हजार से यह 18 हजार पहुंच गई. इससे पहले छठे वेतन आयोग के वक्त फिटमेंट फैक्टर 1.86 था. यानी 7वें वेतन आयोग में बेसिक सैलरी को बढ़कर 1.86 गुना (दोगुने से थोड़ा कम) हुई थी.

अब बात करते हैं 8वें वेतन आयोग की. पिछली बार फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. तो इस बार कम से कम इतना तो रहेगा ही. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 8वें वेतन आयोग के लगने पर यह फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 हो सकता है.

ऐसे में मान लिया जाए कि सरकार इसी फिटमेंट के आधार पर सैलरी में इजाफा करेगी तो सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 51 हजार रुपये से ज्यादा हो जाएगी. इतना ही नहीं जो लोग पेंशन पा रहे हैं यह नियम उन लोगों पर भी लागू होगा. इसके साथ ही उनकी 9,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन बढ़कर 25 हजार रुपये तक पहुंच जाएगी.

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
माना जा रहा है कि 8वां पे कमीशन जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, क्‍योंकि इसी दिन 7वें वेतन आयोग की समय-सीमा समाप्‍त होगी.

क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में सुधार करने के लिए इस्तेमास किया जाने वाला एक फॉर्मूला है. यह कर्मचारी की मूल सैलरी को एक निश्चित मल्टीप्लायर से बढ़ाकर नए वेतनमान में एडजस्ट करता है. इसे हर वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय किया जाता है. साथ ही समय-समय पर इसमें बदलाव भी किए जाते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है.फिटमेंट फैक्टर को तय करते समय सरकार की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और कर्मचारियों की जरूरतों को ध्यान में रखा जाता है.

फिटमेंट फैक्टर तय करते समय पे कमीशन सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के वेतनमान और भत्तों की समीक्षा करता है और एक मल्टीप्लायर निर्धारित करता है. उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 तय किया था. इसका मतलब है कि कर्मचारी का नया वेतन उसकी मूल सैलरी को 2.57 से गुणा करके तय किया गया. अगर किसी कर्मचारी की मूल सैलरी 15 हजार रुपये है तो 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से उसे नया वेतन 38,550 रुपये मिलेगा.गौरतलब है किनया वेतन महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों को भी ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है.

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