मुंबई:SEBI बोर्ड की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. माधवी बुच पर एक बार फिर से हिंडनबर्ग ने गंभीर आरोप लगाए है. हिंडनबर्ग का आरोप है कि SEBI चेयरपर्सन ने Whole-Time Member (WTM) के रुप में कार्यरत रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया. माधवी बुच की इस कंसल्टिंग फर्म में 99 फीसदी हिस्सेदारी हैं. हिंडनबर्ग के अनुसार SEBI चेयरपर्सन ने कुल 4 बड़ी और लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट लिया.
विपक्षी कांग्रेस द्वारा हाल ही में लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, न्यूयॉर्क मुख्यालय वाली हिंडनबर्ग रिसर्च ने बुधवार हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अपने खिलाफ लगे आरोपों पर कई हफ्तों तक पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी. शॉर्टसेलर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा कि बुच ने सभी उभरते मुद्दों पर कई हफ्तों तक पूरी तरह से चुप्पी साधे रखी.
हिंडनबर्ग ने एक्स पर लिखा कि नए आरोप सामने आए हैं कि निजी परामर्श इकाई, जिसका 99 फीसदी स्वामित्व सेबी अध्यक्ष माधबी बुच के पास है. इसने सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सेबी द्वारा विनियमित कई सूचीबद्ध कंपनियों से भुगतान स्वीकार किया.