दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

अफवाहों से सावधान! आज से बदल रहे टैक्स से जुड़े नियम पर मंत्रालय ने दी जानकारी, जानें क्या-क्या होंगे बदलाव - Income Tax rules - INCOME TAX RULES

Income tax slab- टैक्सपेयर के बीच संदेह को दूर करने के लिए, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल, 2024 (वित्त वर्ष 24-25) से लागू होने वाली टैक्स व्यवस्थाओं में कोई नया बदलाव नहीं होगा. पढ़ें पूरी खबर...

tax
टैक्स

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 1, 2024, 10:42 AM IST

नई दिल्ली:नई टैक्स व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिसलीडिंग इनफॉरमेशन के प्रसार के बीच वित्त मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है. इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि 1 अप्रैल, 2024 से कोई नया बदलाव प्रभावी नहीं होगा. टैक्सपेयर को अपनी प्राथमिकताओं और वित्तीय परिस्थितियों के आधार पर पुरानी और नई टैक्स व्यवस्थाओं के बीच चयन करने की छूट है. साथ ही अपना आवेदन दाखिल करने तक नई व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प भी है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर, वित्त मंत्रालय ने पोस्ट कर लिखा कि ऐसा देखने में आया है कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नई कर व्यवस्था से जुड़ी भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. इसलिए यह स्पष्ट किया जाता है कि

  • यहां कोई नया परिवर्तन नहीं है जो 01.04.2024 से आ रहा है.
  • धारा 115बीएसी(1ए) के तहत नई कर व्यवस्था को मौजूदा पुरानी व्यवस्था (छूट के बिना) की तुलना में वित्त अधिनियम 2023 में पेश किया गया था.
  • नई कर व्यवस्था कंपनियों और फर्मों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए लागू है, वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफ़ॉल्ट व्यवस्था के रूप में लागू है और इसके अनुरूप मूल्यांकन वर्ष AY 2024-25 है.
  • नई टैक्स व्यवस्था के तहत, टैक्स रेट काफी कम हैं, हालांकि विभिन्न छूटों और कटौतियों (वेतन से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये की मानक कटौती के अलावा) का लाभ पुराने की तरह उपलब्ध नहीं है.
  • नई टैक्स व्यवस्था डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था है, हालांकि, करदाता वह कर व्यवस्था (पुरानी या नई) चुन सकते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए फायदेमंद है.
  • नई टैक्स व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है. बिना किसी बिजनेस इनकम वाले पात्र व्यक्तियों के पास प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा. इसलिए, वे एक वित्तीय वर्ष में नई टैक्स व्यवस्था और दूसरे वर्ष में पुरानी टैक्स व्यवस्था चुन सकते हैं.

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details