नई दिल्ली:जीएसटी परिषद ने कारमेल पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आलोचनाओं के घेरे में आ गई हैं. फिलहाल नमकीन पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है.
कारमेल पॉपकॉर्न पर तीन तरह का टैक्स लागू करने के फैसले के बाद से ही मामला चर्चा का विषय बन गया है. इसी बीच एक इंडियन स्टार्टअप कंपनी के फाउंडर ने अधिक कमाई करने वाले लोगों को भारत छोड़ने की सलाह दी है.
फाउंडर ने दावा किया है भारत इनोवेशन को रोकता है. फाउंडर ने सोशल मीडिया पोस्ट से सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि भारत में टैक्स सबसे ज्यादा है और बुनियादी सुविधाएं सबसे खराब. फाउंडर ने ज्यादा सैलरी वाले कर्मचारी को भारत छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड जैसे देशों में सेटल होने की सलाह दी है. इस पोस्ट के बाद से रेडिट पर बहस छिड़ गई है.
स्टार्टअप फाउंडर ने क्या कहा? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टार्टअप फाउंडर ने दावा किया था कि वह भारत के टॉप इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करने का बाद अमेरिका से पोस्ट ग्रेजुएट किए. साल 2019 में जब फाउंडर अमेरिका से भारत वापस आए और आज 15 लाख रुपये के औसत वेतन पर लगभग 30 लोगों को नौकरी दिए हुए है.
फाउंडर ने आगे कहा कि इसके बावजूद मैं कह रहा हूं कि भारत छोड़ने का यह सही समय है. मैं उसे एक ऐसे व्यक्ति की तरह कह रहा हूं जो भारत में ठीक-ठाक बिजनेस चला रहा है. उन्होंने आगे बताया कि भारत में कई नियम इनोवेशन को बढ़ने से रोकता है. उन्होंने कहा कि चीजों को आसानी से करवाने के लिए आपको नौकरशाह, राजनेता या सेलेब होना चाहिए. मैं आपको एक उदाहरण देता हूं, हमारे ऐप पर धोखाधड़ी का एक मामला आया था और एफआईआर दर्ज की गई थी. हमने मामले को सुलझाया और पुलिस की मदद की और पीड़ित को उसके पैसे वापस मिले. सोचिए, हम पर आरोप लगाया गया और पुलिस ने मामला बंद नहीं किया और हमसे पैसे की उम्मीद की. यह आपके लिए भारत है.
भारतीयों को कहां जाना चाहिए? फाउंडर ने कहा कि भारत को आर्थिक पतन की भी चेतावनी दी और कहा कि रुपया बहुत अधिक गिर रहा है. उन्होंने इनोवेटर्स के लिए यूएई या थाईलैंड जाने का सुझाव दिया. लिखा कि उस देश को छोड़ दें जहां वे आपके पॉपकॉर्न पर भी कर लगा देंगे क्योंकि उनके पास इसे 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कोई विचार नहीं है!
टैक्सेशन डिटेल्स केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के दौरान जीएसटी दरों के पीछे के तर्क को समझाया. उन्होंने कहा कि नमकीन, कारमेलाइज्ड, सादे पॉपकॉर्न को कुछ राज्यों में नमकीन के रूप में बेचा जा रहा है. कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न में चीनी मिलाई जाती है, इसलिए नमकीन से रेट अलग होती है.
फिलहाल पॉपकॉर्न सहित पहले से पैक और लेबल वाले रेडी-टू-ईट स्नैक्स पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है. वहीं, कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी की उच्च दर लागू होती है. नमक और मसालों के साथ मिश्रित अनपैक और अनलेबल पॉपकॉर्न के लिए, जीएसटी 5 फीसदी निर्धारित किया गया है.