नई दिल्ली:पूरे भारत में दूरसंचार पहुंच, सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने देश के दूरसंचार परिदृश्य को बदलने के उद्देश्य से नागरिक-केंद्रित पहलों का एक सेट पेश किया है. संचार साथी मोबाइल ऐप, राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (एनबीएम) 2.0 का शुभारंभ किया. डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) द्वारा वित्तपोषित 4जी मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) सुविधा का उद्घाटन किया.
संचार साथी मोबाइल ऐप का लॉन्च
संचार साथी मोबाइल ऐप एक उपयोगकर्ता-अनुकूल प्लेटफॉर्म है जिसे दूरसंचार सुरक्षा बढ़ाने और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए सिंधिया ने इसके महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह पहल न केवल अवसरों तक पहुंच देती है. बल्कि सभी उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण भी सुनिश्चित करती है.
एंड्रॉइड और आईओएस दोनों के लिए उपलब्ध यह ऐप दूरसंचार संसाधनों की सुरक्षा और धोखाधड़ी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण प्रदान करता है. इसकी मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं.
- संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्टिंग- उपयोगकर्ता सीधे अपने मोबाइल फोन लॉग से धोखाधड़ी कॉल और एसएमएस की रिपोर्ट कर सकते हैं.
- अपने नाम पर मोबाइल कनेक्शन जानें- नागरिक अनधिकृत उपयोग को रोकने के लिए अपने नाम पर जारी किए गए सभी मोबाइल कनेक्शनों की निगरानी और प्रबंधन कर सकते हैं.
- खोए या चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करना-ऐप उपयोगकर्ताओं को खोए या चोरी हुए मोबाइल डिवाइस को ब्लॉक करने, ट्रेस करने और पुनर्प्राप्त करने में सक्षम बनाता है.
- मोबाइल हैंडसेट की प्रामाणिकता सत्यापित करना- मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता की जांच करने की एक सुविधा यह सुनिश्चित करती है कि उपभोक्ता वैध डिवाइस खरीदें.
भारत में 90 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के साथ ऐप दूरसंचार धोखाधड़ी को महत्वपूर्ण रूप से रोकने और देश भर में दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए तैयार है.
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0: डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देना
NBM 1.0 की सफलता पर आगे बढ़ते हुए, जिसने लगभग 8 लाख टेलीकॉम टावर स्थापित किए और ब्रॉडबैंड सब्सक्रिप्शन को 66 करोड़ से बढ़ाकर 94 करोड़ किया, केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 (NBM 2.0) का अनावरण किया. इस पहल का उद्देश्य देश भर के शेष 1.7 लाख गांवों को जोड़ना और महत्वाकांक्षी डिजिटल मील के पत्थर हासिल करना है.
ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने जोर देकर कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर 100 ग्रामीण घरों में से कम से कम 60 घरों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी हो. हमारा लक्ष्य 100 एमबीपीएस की न्यूनतम फिक्स्ड ब्रॉडबैंड डाउनलोड स्पीड भी है, जिससे ग्रामीण भारत के लिए एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार हो सके.
NBM 2.0 के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं
- 2030 तक 2.7 लाख गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) कनेक्टिविटी का विस्तार करना, 95 फीसदी अपटाइम सुनिश्चित करना.
- स्कूलों, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों और पंचायत कार्यालयों जैसे 90 फीसदी प्रमुख संस्थानों तक ब्रॉडबैंड पहुंच देना.
- 2030 तक ग्रामीण इंटरनेट ग्राहकों की संख्या 45 से बढ़ाकर 60 प्रति 100 जनसंख्या करना.
- 2030 तक 30 फीसदी मोबाइल टावरों को संधारणीय ऊर्जा से संचालित करना.
- देश भर में 5G रोलआउट की सुविधा देना और 6G नेटवर्क के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना.
यह मिशन प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक डिजिटल रूप से समावेशी और लचीले भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देता है और शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ई-गवर्नेंस सेवाओं तक पहुंच में सुधार करता है.
इंट्रा सर्किल रोमिंग (ICR) सुविधा: कनेक्टिविटी गैप को कम करना
DBN द्वारा वित्तपोषित 4G मोबाइल साइटों पर इंट्रा सर्किल रोमिंग (ICR) सुविधा का उद्घाटन डिजिटल डिवाइड को पाटने में एक और मील का पत्थर है. यह पहल कई दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) के ग्राहकों को एक ही DBN द्वारा वित्तपोषित टावर से 4G सेवाओं तक पहुंचने की अनुमति देती है.