नई दिल्ली:भारत सरकार ने 2000 रुपये के नोट बंद कर दिए हैं. 500 रुपये के नोट इस समय प्रचलन में सबसे ज्यादा कीमत के नोट हैं. इस वजह से चोरी के नोटों की छपाई भी उसी समय बढ़ गई. इस समय नकली नोट भी प्रचलन में बढ़ रहे हैं. ऐसे में नकली रुपये के नोटों की पहचान कैसे करें ये भी जानना जरुरी है.
500 रुपये के नकली नोटों का प्रचलन काफी बढ़ गया है, जिससे नागरिकों में चिंता बढ़ गई है. वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 500 रुपये के नकली नोटों में 317 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. संसद में पेश किए गए आंकड़ों से पता चला है कि वित्त वर्ष 2018-19 में 500 रुपये के नकली नोटों की संख्या 21,865 मिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 91,110 मिलियन हो गई. वित्त वर्ष 2023-24 में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह संख्या 85,711 मिलियन हो गई. सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 में हुई, जहां 500 रुपये के नकली नोट वित्त वर्ष 2020-21 में 39,453 मिलियन से बढ़कर 79,669 मिलियन हो गए. इस वजह से चोरी के नोटों की छपाई भी उसी समय बढ़ गई. इस समय नकली नोट भी प्रचलन में बढ़ रहे हैं.
500 रुपये के नकली नोट
साल 2016 के नवंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने बड़े नोटों को बंद करके झटका दिया था. तब 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे. 2,000 रुपये के नोट प्रचलन में लाए गए थे. उसके बाद 500 रुपये के नोट का एक और नया डिजाइन लाया गया था. पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के बैंक नोट भी वापस ले लिए थे. लोग अभी भी इन करेंसी नोटों को आरबीआई के पास जमा करा रहे हैं. इसके साथ ही 2,000 रुपये के करेंसी नोट में कमी आई है. यह कहा जा सकता है कि 500 के नोट बड़े पैमाने पर चलन में हैं. इसी क्रम में नकली नोट भी बढ़ रहे हैं. खासकर पिछले 5 सालों में इस करेंसी में नकली नोटों की संख्या में 317 फीसदी का इजाफा हुआ है.