नई दिल्ली:जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी, तो एक महत्वपूर्ण आंकड़ा सब्सिडी के लिए आवंटन होगा. सब्सिडी समाज के जरूरतमंद और गरीब वर्गों को सहायता देती है, जो किसी भी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन आधार का गठन करते हैं.
केंद्र सरकार जरूरतमंदों और किसानों को तीन प्राथमिक सब्सिडी देती है- जिसमें फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर.
फूड सब्सिडी का उद्देश्य अधिकांश भारतीयों को सस्ता खान उपलब्ध कराना है. दूसरी ओर फ्यूल सब्सिडी का उद्देश्य गरीबों पर ऊर्जा खपत के बोझ को कम करना है, ताकि लक्षित लाभार्थियों के लिए केरोसिन तेल और घरेलू रसोई गैस की कीमतों को एक निश्चित स्तर से नीचे रखा जा सके. फर्टिलाइजरसब्सिडी का उद्देश्य भारतीय किसानों को सस्ती यूरिया और अन्य पोषक तत्व आधारित उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है.
केंद्र सरकार ने इस साल मार्च में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए 48 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड बजट पेश किया. इसमें से 37 लाख करोड़ रुपये से अधिक राजस्व खर्च के लिए और 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक पूंजीगत खर्च के लिए आवंटित किए गए.
सरकार दो तरह से करती है खर्च
राजस्व खर्च से सरकार के लिए किसी भी भौतिक संपत्ति का निर्माण नहीं होता है और इसमें वेतन, मजदूरी, पेंशन, ब्याज भुगतान, लोन सेवा, सब्सिडी भुगतान और अन्य परिचालन खर्च जैसे खर्च शामिल होते हैं. वहीं दूसरी ओर पूंजीगत खर्च में भवन, सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, स्कूल, कॉलेज और अस्पताल जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण पर खर्च शामिल होता है.
इस वर्ष 37 लाख करोड़ रुपये के राजस्व खर्च में से सरकार ने 4.28 लाख करोड़ रुपये या कुल बजटीय व्यय का लगभग 9 फीसदी सब्सिडी पर खर्च करने का प्रस्ताव रखा है, जो राजस्व खर्च है क्योंकि इससे सरकार के लिए किसी भी संपत्ति का निर्माण नहीं होता है. दूसरे शब्दों में इस वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) में सरकार द्वारा खर्च किए गए प्रत्येक 10 रुपये के लिए देश के किसानों सहित समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को वित्तीय सहायता के रूप में एक रुपया आवंटित किया जाएगा.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत केंद्र सरकार को एक वित्तीय वर्ष के लिए अपनी कुल अनुमानित प्राप्तियों और व्ययों को संसद में प्रस्तुत करना आवश्यक है, जिसे वार्षिक वित्तीय विवरण (AFS) या केंद्रीय बजट के रूप में जाना जाता है.
फूड सब्सिडी
खाद्य सुरक्षा विधेयक, जो गरीबों और जरूरतमंदों को सब्सिडी वाले खाना उपलब्ध कराने पर होने वाले खर्च को कवर करता है. केंद्र सरकार के सब्सिडी बिल का सबसे बड़ा हिस्सा है.
उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वास्तविक खाद्य सब्सिडी बिल 2.73 लाख करोड़ रुपये था. अगले वर्ष सरकार ने फूड सब्सिडी बिल को 75,000 करोड़ रुपये से अधिक कम करने का लक्ष्य रखा, जो लगभग 28 फीसदी की कटौती थी. हालांकि, खाद्य सब्सिडी के बोझ को 2 लाख करोड़ रुपये से कम करने के सरकार के इरादे के बावजूद, संशोधित अनुमान में 2.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि दिखाई गई, जो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 15,000 करोड़ रुपये की वृद्धि है.